ओडिशा में उन्नत किस्म के बीजों की भारी किल्लत, किसान कैसे करें धान की खेती

ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिले में खरीफ सीजन के दौरान धान बीजों की भारी कमी से 3.6 लाख किसान परिवार परेशान हैं. प्रशासन को जरूरत से आधे बीज ही मिले हैं, जिससे किसान महंगे और घटिया बीज खरीदने को मजबूर हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 23 May, 2025 | 08:44 PM

ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिले में धान की खेती करने वाले किसान बीज नहीं मिलने से काफी परेशान हैं. कहा जा रहा है कि इस खरीफ सीजन के दौरान जिले के किसान अच्छी किस्म के धान के बीजों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. मजबूरी में कई किसान अब महंगे बीज बाजार से खरीदने को मजबूर हैं. ऐसे जिला प्रशासन की योजना इस बार 1,24,600 हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती करने की है, जिसके लिए करीब 5,000 क्विंटल बीज की जरूरत है. लेकिन अब तक कृषि विभाग को ओडिशा सीड कॉरपोरेशन (OSC) से सिर्फ 2,610 क्विंटल बीज ही मिले हैं. इससे बीजों की भारी किल्लत हो गई है और किसान परेशान हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजों की कमी के कारण किसान अब घटिया किस्म के बीज महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर हैं. श्यामसुंदरपुर गांव के किसान बिजय पात्रा ने कहा कि ये बीज 4,500 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल में मिल रहे हैं, जबकि सरकारी रेट सिर्फ 4,115 रुपये है. खास बात यह है कि जिले में पुजा, सरला, स्वर्ण सब-1, सबित्री और लुनीश्री जैसी लोकप्रिय किस्मों की भारी कमी है.

इन किस्मों की है जरूरत

कृषक सभा के जिला अध्यक्ष उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि नदी किनारे बसे गांवों को बाढ़ सहने वाले स्वर्ण सब-1 की बेहद जरूरत है, जबकि समुद्री इलाकों के किसानों को खारे पानी में टिकने वाली सबित्री और लुनीश्री किस्में चाहिए. जिले के प्रमुख कृषि अधिकारी कमलाकांत पाणिग्राही ने भरोसा दिलाया है कि मॉनसून के आते ही अतिरिक्त बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम 118 प्राइमरी कोऑपरेटिव सोसायटियों के जरिए बीज बांट रहे हैं और किसानों को वैकल्पिक किस्में अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

बीज की कमी से किसान प्रभावित

बीजों की इस कमी का असर जिले की लगभग 3.6 लाख किसान परिवारों पर पड़ा है, जिन्होंने 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के बाद धान की बुआई शुरू की थी. वहीं, किसान नेताओं ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बीज व्यापारियों और कृषि अधिकारियों की मिलीभगत से बाजार में जानबूझकर बीज की कमी और महंगाई पैदा की गई है.

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Published: 23 May, 2025 | 08:41 PM

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