ऐसे करें गेंदे के फूल की खेती, होगा मुनाफा ही मुनाफा 

गेंदा का फूल लंबे समय तक ताजा बना रहता है. इसके अलावा गेंदा का पौधा काफी मजबूत और रोग प्रतिरोधक होता है. इसके फूलों से जैविक रंगों का भी उत्पादन किया जाता है.

Kisan India
Noida | Published: 12 Mar, 2025 | 01:30 PM

गेंदा एक ऐसा फूल है जिसे पूरे साल आसानी से उगाया जा सकता है. चाहे बसंत पंचमी से लेकर दशहरा और दीपावली के मौके पर इसकी मांग सबसे ज्‍यादा होती है. इसकी वजह से अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. गेंदा एक ऐसा फूल है जो अलग-अलग तरह की जलवायु, मिट्टी और परिस्थितियों में आसानी से उग सकता है. गेंदा का फूल लंबे समय तक ताजा बना रहता है. इसके अलावा गेंदा का पौधा काफी मजबूत और रोग प्रतिरोधक होता है. इसके फूलों से जैविक रंगों का भी उत्पादन किया जाता है. इसके रंग को खाद्य पदार्थों और कपड़ों की रंगाई में भी यूज किया जा सकता है. इस वजह से गेंदा की खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है. 

कैसी होनी चाहिए मिट्टी 

गेंदा को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन इसकी बेहतर वृद्धि के लिए गहरी, उपजाऊ और भुरभुरी मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. ऐसी मिट्टी जिसमें जल धारण की क्षमता अच्छी हो, लेकिन जल निकासी भी सुचारू रूप से हो, गेंदा की खेती के लिए आदर्श होती है. इसके अलावा, भूमि का पीएच मान 7 से 7.5 के बीच होना चाहिए, जिससे पौधे को आवश्यक पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध हो सकें और उसकी वृद्धि अच्छी हो. 

कैसे लगाएं गेंदा का पेड़ 

गेंदा को दो तरह से लगाया जा सकता है: बीज की मदद से और कटिंग करके. सामान्यत गेंदा की खेती बीज से की जाती है क्योंकि इससे उगने वाले पौधे अधिक ऊंचे होते हैं और ज्यादा फूल देते हैं. वहीं, कटिंग मैथेड का प्रयोग मुख्य तौर प्रजाति की शुद्धता बनाए रखने के लिए किया जाता है. 

बुवाई का सही समय

बरसात की फसल: बीज को मध्य जून से जुलाई के आरंभ तक बोया जाता है.
सर्दियों की फसल: अगस्त के अंत से मध्य सितंबर तक बोआई करनी चाहिए.
गर्मी की फसल: दिसंबर के अंतिम हफ्ते से जनवरी के पहले हफ्ते तक बुवाई करें. 

नर्सरी की क्यारियों की अच्छी तरह गुड़ाई करें. उसमें करीब 10 किलो पकी हुई गोबर की खाद अच्छी तरह मिला दें. क्यारियों का आकार 3×3 मीटर रखें ताकि सिंचाई और बाकी काम आसानी से किए जा सकें. बीज को लाइन में 5 सेमी गहराई में बोएं और कतार से कतार की दूरी भी 5 सेमी रखें. बीज बोने के बाद इसे मिट्टी से ढंक दें और फिर सूखी घास से ढंककर हल्की सिंचाई करें. 

कौन से बीज की कितनी मात्रा 

सामान्य किस्मों के लिए 1 किलो बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है.
हाइब्रिड किस्मों के लिए 200-250 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर उपयुक्त होता है.
गेंदा की अच्छी पैदावार के लिए उचित मात्रा में खाद और उर्वरकों का प्रयोग जरूरी है. 

कौन से उर्वरक की कितनी मात्रा 

गोबर की खाद: 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
नाइट्रोजन: 60 किग्रा/हेक्टेयर
फॉस्‍फोरस: 75 किग्रा/हेक्टेयर
पोटाश : 50 किग्रा/हेक्टेयर

भूमि की अंतिम जुताई के समय गोबर की खाद, फॉस्‍फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा को मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए. नाइट्रोजन को दो भागों में बांट लें. पहली मात्रा पौध रोपाई के 20-25 दिन बाद दें. बची हुई आधी नाइट्रोजन 45 दिन बाद पौधों की कतारों के बीच में डालें. 

रोपाई का समय 

नर्सरी में बीज बोने के लगभग 25-30 दिन बाद पौधे मुख्य खेत में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
रोपाई संध्या के समय करें, ताकि पौधे गर्मी या तेज धूप से प्रभावित न हों.
पौधों की जड़ को कोई नुकसान न हो इसके लिए नर्सरी से उन्‍हें उखाड़ने से पहले हल्की सिंचाई करें.  

कैसे करें देखभाल 

गेंदे की फसल को अपेक्षाकृत कम पानी की जरूरत होती है.
हर 10-15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें, ताकि मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहे.
फसल की प्रारंभिक अवस्था में निंदाई-गुड़ाई बहुत जरूरी है.
खरपतवार को नियंत्रित रखने और पौधों की अच्‍छी ग्रोथ के लिए कम से कम दो बार निंराई-गुड़ाई जरूरी है.
गेंदे के पौधे 3-4 महीने में फूल देने लगते हैं.
फूल पूरी तरह खिलने के बाद नीचे से डंठल सहित तोड़ें और बाजार में बिक्री के लिए भेजें.
सही देखभाल और उचित प्रबंधन से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है. 

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 12 Mar, 2025 | 01:30 PM

भारत में फलों का राज्य किसे कहा जाता है?

Poll Results

उत्तर प्रदेश
0%
छत्तीसगढ़
0%
हिमाचल
0%
केरल
0%