कुंदरू पर 3 खतरनाक कीटों का हमला, समय रहते करें ये उपाय नहीं तो चौपट हो जाएगी पूरी फसल
बरसात के बाद मौसम में नमी होने के कारण फसल पर कीटों और रोगों का लग जाना आम बात है. लेकिन अगर इन कीटों को समय रहते रोका न गया तो ये फसल को पूरी तरह से चौपट कर सकते हैं. ऐसे ही 3 खतरनाक कीट है जिनका संकट कुंदरू की फसल पर मंडरा रहा है.
Kundru Farming: रबी सीजन की शुरुआत होने के साथ ही किसानों ने बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती शुरू कर दी है. सर्दी के दिनों में लोगों के बीच सब्जियों की खपत बढ़ जाती है. यही कारण है कि बाजार में सब्जियों का मांग बनी रहती है और किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत भी मिलती है. ऐसी ही एक सब्जी कुंदरू भी है, जिसकी खेती भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है. बता दें कि पोषक तत्वों से भरपूर ये सब्जी किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है. लेकिन इन दिनों कुंदरू की फसल पर 3 खतरनाक कीटों का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे इनकी रोकथाम समय रहते कर लें.
फलों को खोखला करती है फल मक्खी
फल मक्खी को कुंदरू में लगने वाले कीटों में से सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. ये कीट पौधे में लगे फलों पर अंडे देता है. इन अंडों से निकलने वाला लार्वा फलों को अंदर तक खोखला कर देता है, जिससे फल सड़ने लगते हैं और उनकी बाजार में कीमत गिर जाती है. फल मक्खी से कुंदरू की फसल को बचाने के लिए फलों को समय पर तोड़कर खेत से निकालें. किसान चाहें तो खेतों में फेरोमोन ट्रैप भी लगा सकते हैं. इसके अलावा फसल पर नीम का तेल या नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें.
पत्तियों का रस चूस लेती है लाल मकड़ी
मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, लाल मकड़ी पत्तियों का रस चूसकर पौधे को कमजोर बना देती है. इस कीट के संक्रमण से पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है. अगर किसान समय रहते फसल को इस कीट से बचाने का उपाय नहीं करते हैं तो धीरे-धीरे पूरी फसल चौपट हो सकती है. कुंदरू की फसल को लाल मकड़ी से बचाने के लिए खेत की नमी बनाए रखें, क्योंकि सूखी मिट्टी में इसका संक्रमण तेजी से फैलता है. साथ ही किसान चाहें तो फसल पर सल्फर आधारित दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं.
फल छेदक के लिए करें जैविक उपाय
यह कीट फलों को छेदकर अंदर से खा जाता है. बता दें कि जिन फलों पर ये कीट आक्रमण करता है उन फलों का आकार बिगड़ जाता है और वे खाने लायक नहीं रह जाते. इस कीट के संक्रमण के कारण बाजार में फलों की कीमत काफी कम हो जाती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है. कुंदरू की फसल के बचाव के लिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे संक्रमित फलों को हटाकर अलग कर दें. वहीं, जैविक तरीके से कीट को रोकने के लिए ट्राइकोग्रामा कार्ड का इस्तेमाल करें. अगर संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाए तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह से फसल पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें.