आसानी से तैयार कर‍िए ये चमत्‍कारी खाद, मिट्टी, गन्‍ने का रस और गौमूत्र से होगा कमाल 

घर पर आसानी से तैयार होने वाला यह उर्वरक फसल के लिए बेहद फायदेमंद होता है और बंपर उपज देता है. इसलिए ही इसे कई लोग चमत्‍कारी खाद तक करार देते हैं. जानिए आज एक ऐसी ही चमत्‍कारी खाद के बारे में.

Kisan India
Noida | Published: 21 Mar, 2025 | 01:00 AM

चमत्‍कारी खाद, नाम सुनकर चौकिंए मत. जब हम यहां पर चमत्‍कारी खाद का जिक्र कर रहे हैं तो उससे हमारा मतलब एक ऐसे उर्वरक से है जो बिना किसी खर्चे या फिर बहुत कम खर्च में आसानी से तैयार हो सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं, घर पर आसानी से तैयार होने वाला यह उर्वरक फसल के लिए बेहद फायदेमंद होता है और बंपर उपज देता है. इसलिए ही इसे कई लोग चमत्‍कारी खाद तक करार देते हैं. जानिए आज एक ऐसी ही चमत्‍कारी खाद के बारे में और इसे तैयार करने के तरीकों के बारे में भी.

सरकार दे रही है सब्सिडी 

आजकल प्राकृतिक खेती या नैचुरल फार्मिंग ट्रेंड पर है और लोग प्राकृतिक तरीकों को ही अपना रहे हैं. अब सरकार भी इसमें मदद करने लगी है और किसानों को सब्सिडी तक मुहैया करा रही है. किसानों को भी इसका काफी फायदा हो रहा है. अब सब्सिडी पर किसान कम लागत पर भी अच्छी दवा या उर्वरक तैयार कर रहे हैं. आसानी से इसका छिड़काव करने से ज्‍यादा से ज्‍यादा फसल और उपज का फायदा मिलता है.

कैसे बनाएं घर पर खाद  

जानिए आप घर पर कम से कम खर्च में कैसे यह चमत्‍कारी खाद या फिर जीवामृत बना सकते हैं. सबसे पहले जानिए कि आपको इस खाद के लिए किन-किन चीजों की जरूरत होगी.

-200 लीटर का प्लास्टिक का एक ड्रम

-10 किलो देसी गाय का गोबर

-10 लीटर पुराना गोमूत्र

-एक किलो गुड़ या 4 लीटर गन्ने का रस

-एक किलो बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी

-एक किलो दाल का आटा

-एक ढकने का कपड़ा

कैसे बनेगी यह चमत्‍कारी खाद 

-सबसे पहले 200 लीटर के एक ड्रम में ऊपर बताई गई सारी कच्‍ची सामग्री को मिला लीजिए. 

-इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर एक लकड़ी की मदद से अच्छे से मिक्स कर लीजिए. 

-अच्छी तरह मिलाने के बाद इस ड्रम को एक कपड़े से ढंक दीजिए ताकि ड्रम पर धूप सीधी न पड़े. 

-अगले दिन फिर इस घोल को एक लकड़ी की मदद से हिला दीजिए और दिन में दो या तीन बार जरूर मिलाते रहें. 

-आपको यह काम 5-6 दिन तक लगातार करते रहना है. 

-6-7 दिन के बाद आपको इस घोल में बुलबुले नजर आने लगेंगे और तब समझ जाइए कि जीवामृत तैयार हो गया है. 

-इस तरल जीवामृत को पूरी तरह से रेडी होने में कुछ ज्‍यादा दिन भी लग सकते हैं क्योंकि यह खाद पूरी तरह से तापमान पर निर्भर है.

एक एकड़ फसल के लिए काफी 

ठंड के दिनों में दिन और रात का तापमान कम होता है, इसलिए इसे तैयार होने में ज्‍यादा दिन लग सकते हैं. हालांकि गर्मी के मौसम में यह सिर्फ पांच दिन में भी तैयार हो जाती है. ड्रम में बनी यह चमत्‍कारी खाद या 200 लीटर जीवामृत एक एकड़ में फसल के लिए सिंचाई के साथ देने के लिए काफी होता है. आप चाहें तो इसे सीधा फसल पर दे सकते हैं या सिंचाई के पानी के साथ दे सकते हैं. हर 15 दिन पर इसके इस्तेमाल की सलाह दी जाती है. इस तरल जीवामृत को 15 दिनों तक रखा जा सकता है. उसके बाद इसकी क्षमता घटने लगती है.

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Published: 21 Mar, 2025 | 01:00 AM

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