बिहार के किसान अब अपनी प्याज की फसल को जल्दबाज़ी में औने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर नहीं होंगे. राज्य सरकार ने प्याज भंडारण को लेकर एक अहम योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को भंडारण केंद्र बनाने के लिए अधिकतम 6 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है. इस योजना का उद्देश्य न केवल फसल के बाद होने वाले नुकसान को रोकना है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना भी है.
राज्य के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्याज उत्पादन के बाद भंडारण की सुविधा न होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. कई बार फसल नष्ट हो जाती है या किसानों को मजबूरन बेहद कम कीमत पर प्याज बेचना पड़ता है. इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्याज भंडारण हेतु विज्ञान आधारित संरचनाएं विकसित करने पर 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है.
75 प्रतिशत तक सब्सिडी सरकार देगी
इस योजना के तहत सब्जी विकास योजना 2023-24 के अंतर्गत किसानों द्वारा विभागीय नक्शे और अनु्मानित के अनुसार प्याज भंडारण संरचना बनाई जाएगी. इसमें प्रति संरचना 6 लाख रुपये तक की लागत पर 75 प्रतिशत यानी अधिकतम 4.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी दो किस्तों में सीधे किसानों के खाते में दी जाएगी. पहली किस्त सिविल कार्य (नीव, प्लींथ एवं छत स्तर के ढांचागत निर्माण) के उपरांत तथा दूसरी किस्त संरचना निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत दिया जायेगा. हर किसान परिवार को एक ही संरचना का लाभ मिलेगा.
किसानों को भंडारण की सुविधा मिलेगी
योजना से जहां किसानों को भंडारण की सुविधा मिलेगी, वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. एक संरचना निर्माण से अनुमानित 70 मानव दिवस का सृजन होगा, जिससे कुल 7 हजार मानव दिवस का काम उत्पन्न होगा.
योजना को 23 जिलों में लागू किया जाएगा
आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य में 4 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत से इस योजना को 23 जिलों में लागू किया जाएगा, जिनमें पटना, समस्तीपुर, रोहतास, भागलपुर, गया, सिवान, वैशाली जैसे जिले शामिल हैं.
डीबीटी पोर्टल पर करना होगा पंजीकरण
किसानों को योजना का लाभ उठाने के लिए डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा. आवेदन के आधार पर श्रेणीवार लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा. आवेदन की प्रक्रिया के लिए पोर्टल समय-समय पर खोला जाएगा.
अधिकारी करेंगे किसानों का मार्गदर्शन
सरकार किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, डिजाइन सलाह और डेमो संरचना का भी प्रदर्शन कर रही है ताकि वे गुणवत्तापूर्ण भंडारण केंद्र बना सकें. प्रखंड स्तर पर नोडल अधिकारी किसानों को आवेदन और निर्माण प्रक्रिया में मार्गदर्शन दे रहे हैं.
यह पहल न सिर्फ किसानों की फसल को बचाएगी, बल्कि कीमतों में स्थिरता लाकर उन्हें बेहतर बाजार मूल्य दिलाने में भी मदद करेगी. सरकार का उद्देश्य है कि किसान सिर्फ उत्पादन तक सीमित न रहें, बल्कि भंडारण और विपणन के माध्यम से अधिक लाभ कमा सकें और बिहार को सब्जी उत्पादन में अग्रणी राज्य बना सकें.