पॉलीहाउस से साल भर उगाएं सब्जियां, केंद्र सरकार की योजना में मिलेगी 50 फीसदी तक आर्थिक मदद
पॉलीहाउस खेती किसानों के लिए नई उम्मीद बन गई है. इस तकनीक से किसान मौसम से पहले सब्जियां उगा कर मंडी में अच्छे दाम पा रहे हैं. केंद्र सरकार पॉलीहाउस लगाने पर 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है, जिससे खेती ज्यादा सुरक्षित और लाभदायक बन रही है. अब आधुनिक खेती से किसान अधिक कमाई कर सकते हैं.
Polyhouse Farming : आज किसान सिर्फ मौसम पर निर्भर रहने को मजबूर नहीं हैं. खेती की दुनिया तेजी से बदल रही है और तकनीक ने किसानों के सामने नई राह खोल दी है. पहले जहां बरसात, पाला, गर्मी या ठंड की मार से फसलें खराब हो जाती थीं, वहीं अब एक ऐसी आधुनिक तकनीक आ गई है, जिससे किसान साल के किसी भी समय ताजी सब्जियां उगा सकते हैं और शुरूआती सीजन में ही मंडी में अच्छे दाम पा सकते हैं. यह तकनीक है-पॉलीहाउस खेती, जिस पर केंद्र सरकार की योजना के तहत बंपर सब्सिडी भी मिल रही है.
पॉलीहाउस: मौसम से लड़ने वाली आधुनिक खेती
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पॉलीहाउस खेती किसानों के लिए एक बड़ा गेम-चेंजर बन चुकी है. सामान्य खेत की तुलना में पॉलीहाउस में सब्जियों और फूलों की खेती कहीं ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि यह पूरी तरह से एक नियंत्रित ढांचा होता है. इसमें बाहर का तापमान, धूल, कीड़े-मकौड़े और तेज बारिश का कोई असर नहीं होता. पॉलीहाउस की सबसे खास बात यह है कि किसान ऑफ-सीजन यानी मौसम के पहले ही सब्जियां तैयार कर लेते हैं. इससे जब मंडियों में सब्जियां कम होती हैं, किसान उन्हीं दिनों अपनी फसल अच्छे दामों पर बेचकर ज्यादा कमाई कर लेते हैं. यही कारण है कि कई किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर पॉलीहाउस खेती की ओर बढ़ रहे हैं.
साल भर उगाएं सब्जियां, मुनाफा भी दोगुना
पॉलीहाउस में तापमान को 8 से 10 डिग्री तक बढ़ाया या घटाया जा सकता है. इससे किसान उन सब्जियों को भी उगाने में सफल हो जाते हैं जिन्हें आमतौर पर विशेष मौसम में ही लगाया जाता है. इस तकनीक की मदद से किसान साल भर आसानी से- टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, गोभी, बीन्स और फूलों की खेती जैसी फसलें उगा सकते हैं. ऑफ-सीजन में इन सब्जियों की कीमतें मंडी में काफी ज्यादा रहती हैं. ऐसे में किसान कम भूमि में भी लाखों रुपये कमा लेते हैं. कई किसान पॉलीहाउस में फूल उगाकर भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं क्योंकि बाजार में इसकी लगातार मांग बनी रहती है.
कितनी जगह पर बन सकता है पॉलीहाउस?
केंद्र सरकार की योजना के अनुसार किसान अपने खेत में 500 से 4000 वर्ग मीटर तक का पॉलीहाउस लगा सकते हैं. जितना बड़ा ढांचा होगा, उतनी अधिक खेती और उतनी ही अधिक कमाई की गुंजाइश बढ़ जाती है. पॉलीहाउस लगाने की लागत साधारण खेत से ज्यादा होती है, लेकिन इसी लागत को कम करने के लिए सरकार किसानों को बड़ी आर्थिक मदद दे रही है.
केंद्र सरकार दे रही है 50 फीसदी तक अनुदान
केंद्र सरकार की उद्यानिकी योजना के तहत पॉलीहाउस लगाने पर किसानों को लागत का 50 फीसदी तक सब्सिडी प्रदान की जाती है. यह राशि सीधे किसान के खाते में भेजी जाती है. पॉलीहाउस की कुल लागत करीब 55 से 60 लाख रुपये तक हो सकती है, लेकिन सब्सिडी मिलने से किसानों पर बोझ काफी कम हो जाता है.
कैसे मिलेगा लाभ?
- किसान को उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है.
- आवेदन का सत्यापन होने के बाद विभाग रजिस्टर्ड फर्म को पॉलीहाउस लगाने के लिए भेजता है.
- पॉलीहाउस तैयार होने के बाद पूरी लागत का 50 फीसदी हिस्सा किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है.
- सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान आधुनिक तकनीक अपनाएं और खेती को मुनाफे का कारोबार बनाया जाए.
पॉलीहाउस खेती क्यों है भविष्य की खेती?
पॉलीहाउस ना सिर्फ किसानों की आय बढ़ाता है, बल्कि खेती को ज्यादा टिकाऊ और सुरक्षित बनाता है. मौसम अब पहले जैसा स्थिर नहीं रहा. कई बार तेज़ धूप, अचानक बारिश, ओलावृष्टि और ठंड की लहर से फसलें खराब हो जाती हैं. लेकिन पॉलीहाउस इस खतरे को पूरी तरह कम कर देता है. इसके फायदे-
- फसल का तेजी से बढ़ना
- मौसम का कोई असर नहीं
- पानी की बचत
- कीटनाशक का कम उपयोग
- फसल की गुणवत्ता बेहतर
- बाज़ार में सीजन से पहले बिक्री
यही कारण है कि सरकार भी किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिए लगातार योजनाएं चला रही है.