छोटे किसानों के लिए वरदान हैं कस्टम हायरिंग सेंटर, छूट पर मिल रहीं मशीनों से कृषि लागत घटी

आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल से किसान बीजों की बुवाई, उर्वरकों का छिड़काव सटीक तरीके से कर सकते हैं. मशीनों के सटीक इस्तेमाल से संसाधनों की बचत होती है. किसान कम पानी में भी फसल से अच्छी पैदावार ले सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 12 Aug, 2025 | 10:15 PM

खेती को आधुनिकता से जोड़ने के लिए सरकार लगातार किसानों को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें आधुनिक खेती की ट्रेनिंग भी दे रही है. ट्रेनिंग के माध्यम से किसानों को आधुनिक खेती से जुड़ी सारी जानकारी भी मुहैया कराई जाती है. आज बाजार में बहुत सी ऐसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं जिनके इस्तेमाल से किसान कम लागत और कम मेहनत में फसलों से अच्छी और बेहतर क्वालिटी की उपज ले सकते हैं. लेकिन देश के किसानों का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जो आर्थिक संकट से जूझता है, जिनके लिए इन आधुनिक मशीनों को खरीद पाना संभव नहीं होता है. इस कारण से किसान इन सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित होते हैं. ये सेंटर किसानों को अच्छी आधुनिक मशीनें किराए पर उपलब्ध कराते हैं.

महंगी कृषि मशीनों की उलब्धता

आधुनिक कृषि उपकरणों की महंगी कीमतों के कारण छोटे किसानों तक इनकी पहुंच होना बहुत मुश्किल होता है. कस्टम हायरिंग सेंटर की मदद से ये आधुनिक मशीनें न केवल छोटे किसानों तक पहुंचती हैं बल्कि बहुत ही सस्ती दरों में किसानों को ये मशीनें उपलब्ध कराई जाती हैं. सीएचसी में किसानों को किराए पर मिलने वाली मशीनों में ट्रैक्टर, थ्रेशर, रीपर, रोटावेटर, ड्रोन शामिल हैं. बता दें कि, ये मशीनें बीज बुवाई से लेकर फसल कटाई तक का सारा काम आसानी से और कम समय में करती हैं.

समय की बचत और लागत में कमी

बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, छोटे और सीमांत किसानों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर किसी वरदान से कम नहीं है. इन सेंटरों पर उपलब्ध आधुनिक कृषि मशीनों को सस्ते किराए पर लेकर किसान महंगी मशीनों को खरीदने के झंझट से बचते हैं. जिसके कारण खेती में किसानों की लागत में काफी कमी आती है. इसके साथ ही ये मशीनें 20 से 25 मजदूरों का काम एक साथ करने की क्षमता रखती हैं. इस कारण से किसानों को मजदूरी की भी चिंता करने की जरूरत नहीं रह जाती है. ऐसे में किसान कम समय औक कम लागत में बेहतर उत्पादन कर सकते हैं.

टिकाऊ खेती को बढ़ावा

आधुनिक मशीनों के इस्तेमाल से किसान बीजों की बुवाई, उर्वरकों का छिड़काव सटीक तरीके से कर सकते हैं. मशीनों के सटीक इस्तेमाल से संसाधनों की बचत होती है. किसान कम पानी में भी फसल से अच्छी पैदावार ले सकते हैं. बता दें कि, सीएचसी खोलने के लिए राज्य सरकारें किसानों को आधुनिक मशीन की खरीद पर सब्सिडी उपलब्ध कराती हैं. इन सेंटरों से न केवल किसानों को खेती करने में आसानी होती है बल्कि ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को भी रोजगार के अवसर मिलते हैं.

Published: 13 Aug, 2025 | 06:45 AM

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