..तो घट जाएगी 30 फीसदी पैदावार, बारिश पर निर्भर फसलों का सूखना शुरू, दो महीने से सिंचाई संकट गहराया
कृषि विशेषज्ञ शिव राम ने कहा कि क्षेत्र में पिछले लगभग दो महीनों से बारिश नहीं हुई है, जिससे सूखे की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, वहां चिंता का विषय बना हुआ है और कई फसलों की बुवाई भी रुक गई है.
देश के कई हिस्से ऐसे हैं जहां सिंचाई की पर्याप्त सुविधाएं अभी भी नहीं हैं और ऐसे में वहां उगाई जाने वाली फसलें बारिश पर निर्भर रहती हैं. ऐसा ही इलाका है हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले का राजगढ़ इलाका. रबी सीजन के दौरान हर साल इस इलाके में हल्की या तेज बारिश हो जाती है. इससे किसानों की सिंचाई की दिक्कत खत्म हो जाती है. लेकिन, इस सीजन में 2 महीने से बारिश नहीं हुई है और ऐसे में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं होने से फसलों के सूखने का संकट गहरा गया है. कृषि विभाग ने कहा है कि फसलों को पानी नहीं मिला तो उपज 30 फीसदी तक घट जाएगी.
पहाड़ी इलाकों में खेती करना हमेशा से सबसे मुश्किल काम रहा है. यहां की खेती प्राकृतिक बारिश पर निर्भर रहती है. इसी तरह पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की 80 फीसदी खेती बारिश के पानी पर निर्भर रहती है. हालांकि, खेत तालाब योजना से थोड़ा सुधार जरूर हुआ है. यहां के सिरमौर जिले का राजगढ़ इलाके में खेती तो लगभग पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है. रबी सीजन में बारिश नहीं होने से गेहूं, आलू समेत अन्य फसलों पर विपरीत असर पड़ने लगा है. मिट्टी सूखने लगी है, जिससे पौधों की ग्रोथ रुकने का खतरा मंडरा रहा है.
खेतों में नमी खत्म होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ीं
सिरमौर जिला के राजगढ़ क्षेत्र में लगातार दो महीनों से बारिश न होने के कारण किसानों की चिंताएं चरम पर हैं. खेतों में नमी पूरी तरह खत्म हो चुकी है, जिससे रबी सीजन की प्रमुख फसलें गेहूं, चना, मटर और आलू की बुवाई और विकास प्रभावित हो रहा है. राजगढ़ क्षेत्र में अधिकांश खेती वर्षा पर निर्भर है. ऐसे में एक ओर खरीफ में अतिवृष्टि और दूसरी ओर रबी में लगातार सूखे ने किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फेर दिया है.
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30 फीसदी फसल पैदावार घटने की चिंता
स्थानीय किसानों का कहना है कि पिछले लगभग 60 दिनों से क्षेत्र में एक बूंद बारिश नहीं हुई. इससे खेत बंजर जैसे हो गए हैं और रबी फसलों के लिए जरूरी नमी पूरी तरह गायब हो चुकी है. यदि यही स्थिति जारी रही तो फसलों की पैदावार 20–30 फीसदी तक घट सकती है. कृषि विशेषज्ञों ने भी बारिश और मौसम के बदलते पैटर्न पर चिंता जताई है और कहा कि खेती पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.
कृषि विभाग के विशेषज्ञ शिव राम ने बारिश नहीं होने पर चिंता जताई.
कृषि एक्सपर्ट ने फसलों का विकसा रुकने और धीमा होने का खतरा
हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के विशेषज्ञ शिव राम ने प्रसार भारती से कहा कि क्षेत्र में पिछले लगभग दो महीनों से बारिश नहीं हुई है, जिससे सूखे की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, वहां चिंता का विषय बना हुआ है और कई फसलों की बुवाई भी रुक गई है. वहीं, जिन फसलों की बुवाई हो चुकी है उनके सूखने और विकास धीमा होने का खतरा है.
कृषि विशेषज्ञ को हल्की बारिश होने की उम्मीद
कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि किसानों के पास अभी समय बचा है. क्योंकि, रबी सीजन की फसलों की बुवाई तीन चरणों में होती है और अंतिम चरण जनवरी तक रहता है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि हल्की बारिश जरूर होगी, जिससे किसान बुवाई शुरू कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में पहाड़ी हिस्सों में हल्की बारिश का अनुमान है.