खेतों में उगने वाला बथुआ बना सर्दियों का सुपरफूड, दूध बढ़ाए और ठंड से पशुओं को बचाए
सर्दियों में खेतों में उगने वाला बथुआ किसी आम खरपतवार की तरह नजर आता है, लेकिन पशुओं के लिए यह बेहद फायदेमंद चारा साबित होता है. यह दूध बढ़ाने, शरीर को गर्म रखने और पाचन सुधारने में मदद करता है. आसानी से उपलब्ध यह पौधा किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए सर्दियों में बड़ा सहायक बन जाता है.
Milk Production : सर्दियों में खेतों में कई तरह के खरपतवार उग आते हैं, लेकिन इनमें एक ऐसा पौधा भी होता है जो किसान और पशुपालक-दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित होता है. यह पौधा है बथुआ. आमतौर पर इसे किसान उखाड़कर फेंक देते हैं, क्योंकि खेतों की फसल को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन यही बथुआ पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद चारा बन जाता है. सर्दी के मौसम में यह खेतों में अपने आप उग आता है और पशुओं को गर्म रखने से लेकर दूध बढ़ाने तक कई चमत्कारी फायदे देता है.
खेतों में उगने वाला खरपतवार, जो बन जाता है चमत्कारी चारा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ठंड बढ़ते ही खेतों में बथुआ का पौधा अपने आप पनपने लगता है. मिट्टी में मौजूद इसके बीज साल-दर-साल फिर से उग आते हैं. इसे न उखाड़ा जाए तो यह फसल की बढ़त रोक देता है, इसलिए किसान इसे खेत से निकाल देते हैं. लेकिन बाहर निकला यही बथुआ उनके बड़े काम आता है-क्योंकि यह उत्तम चारे की तरह पशुओं को खिलाया जाता है. इस चारे को सीधे कटकर गाय-भैंसों को खिलाया जा सकता है या फिर भूसे के साथ मिलाकर भी दिया जाता है.
बथुआ खिलाते ही बढ़ता है दूध उत्पादन
बथुआ प्रोटीन से भरपूर होता है. इसकी खास तासीर की वजह से यह पशुओं के शरीर में गर्माहट उत्पन्न करता है और पाचन को भी दुरुस्त रखता है. सर्दियों में जब गाय-भैंस कम दूध देती हैं, उस समय बथुआ का चारा दूध उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है. पशुपालकों का मानना है कि यदि यह चारा नियमित खिलाया जाए, तो पशुओं के दूध में साफ बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
ठंड से बचाता है, शरीर में देता है गर्मी
सर्दी के मौसम में पशुओं के लिए खास देखभाल जरूरी होती है. ऐसे में बथुआ औषधि जैसा काम करता है. इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह ठंड से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यही वजह है कि सर्दियों में पशुपालक इसे चारे में जरूर शामिल करते हैं. हालांकि, जिन पशुओं की जल्द ब्यात होनी हो उन्हें बथुआ कम मात्रा में ही दिया जाता है, क्योंकि इसकी गर्म तासीर उनके लिए अधिक मात्रा में ठीक नहीं रहती.
सिर्फ पशुओं के लिए नहीं, मनुष्यों के लिए भी स्वाद का खजाना
बथुआ केवल पशुओं का चारा नहीं है-यह मनुष्यों की रसोई में भी खूब इस्तेमाल किया जाता है. सर्दियों में इसके पराठे बहुत पसंद किए जाते हैं. इसके अलावा, आलू के साथ सूखी सब्जी भी बनाई जाती है, ठीक उसी तरह जैसे मेथी या पालक की सब्जी बनाई जाती है. सर्दियों में इसका स्वाद दोगुना हो जाता है और शरीर को भी गर्माहट देता है, इसलिए यह रसोई में भी खास जगह रखता है.