ये भैंस नहीं, चलता-फिरता खजाना है! रोज 135 लीटर दूध और हर महीने 3 लाख की कमाई

गुजरात के रामकुभाई खुमाण ने दो भैंसों से शुरुआत कर 15 भैंसों तक का सफर तय किया. अब हर दिन 135 लीटर दूध निकालते हैं और महीने में 3 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं.

नोएडा | Updated On: 19 May, 2025 | 07:14 PM

गुजरात के अमरेली जिले से एक ऐसी कहानी सामने आई है जो पशुपालकों को नई उम्मीद देती है. यहां के एक किसान ने दो भैंसों से शुरुआत कर अब ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं. रामकुभाई धीरुभाई खुमाण नाम के इस पशुपालक की एक भैंस रोजाना 15 लीटर दूध देती है और उनकी कुल कमाई 3 लाख रुपये महीने पार कर चुकी है. मेहनत, सही नस्ल और समर्पण ने उन्हें एक मिसाल बना दिया है.

रोजाना 135 लीटर दूध

मीडिया के एक रिपोर्ट के मुताबिक रामकुभाई ने 2015 में केवल दो भैंसों से अपना पशुपालन व्यवसाय शुरू किया था. आज उनके पास 15 भैंसें हैं, जिनसे रोजाना लगभग 135 लीटर दूध का उत्पादन होता है. अमरेली शहर में उन्होंने खुद का तबेला खड़ा किया है और वहीं से इस पूरे बिजनेस को संभालते हैं. जिसकी कीमत तकीरबन 1 लाख से 1.2 लाख है. इस नस्ल की खास बात यह है कि वो अकेले 15 लीटर दूध देती है. सिर्फ एक भैंस से उन्हें रोजाना 1 हाजार से 12 सौ रुपये तक की कमाई हो जाती है. वहीं, महीने में 30 से 35 हजार रुपये की कमाई हो जाती है.

खर्च कम, मुनाफा ज्यादा

रिपोर्टस् के मुताबिक एक भैंस की देखभाल पर महीने में 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आता है. इसके मुकाबले में एक भैंस से 10 से 15 हजार रुपये तक का मुनाफा भी हो जाता है. यही कारण है कि उनकी भैंसों की अच्छी मांग उत्तर गुजरात क्षेत्र में है. उन्होंने अपनी भैंसों की सेहत और दूध उत्पादन को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार व्यवस्था अपनाई है.

हर भैंस को रोजाना 8 से 10 किलो हरा चारा, 5 से 7 किलो सूखा चारा और 2 से 4 किलो खली दी जाती है. साथ ही साफ-सफाई और डॉक्टर की नियमित जांच के जरिये रामकुभाई भैंसों को तंदुरुस्त रखते हैं.

मेहनत और मैनेजमेंट ने बनाया रोल मॉडल

रामकुभाई की सफलता सिर्फ नस्ल या दूध उत्पादन तक सीमित नहीं है. उन्होंने पशुपालन को व्यवसायिक रूप दिया, जिसमें प्लानिंग, मार्केटिंग और देखभाल तीनों का बेहतरीन तालमेल है. आज वो न सिर्फ अमरेली में, बल्कि पूरे गुजरात के पशुपालकों के लिए प्रेरणा और मिसाल बन चुके हैं. उनकी मेहनत, समर्पण और नवीन तकनीकों के इस्तेमाल से कई युवा किसान उत्साहित होकर इस क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे हैं.

Published: 19 May, 2025 | 07:14 PM