मुर्गियों के लिए सस्ता सुपरफूड.. गड्ढे में उगा लें यह हरा चारा, सर्दियों में भी तेजी से बढ़ेगा वजन
Azolla Farming: पोल्ट्री फार्मिंग में बढ़ते दाना खर्च से परेशान किसानों के लिए अजोला एक सस्ता और असरदार विकल्प बनकर सामने आया है. यह जलीय हरा चारा कम लागत में आसानी से उगाया जा सकता है. नियमित उपयोग से मुर्गियों की सेहत सुधरती है और अंडा व मांस उत्पादन बढ़ता है.
Poultry Feed: सोचिए अगर मुर्गियों को खिलाने के लिए बाजार से महंगा दाना खरीदना ही न पड़े और घर के पास ही एक छोटा सा गड्ढा आपकी पोल्ट्री की सबसे बड़ी जरूरत पूरी कर दे, तो कितनी बचत होगी. क्योंकि आज पोल्ट्री फार्मिंग में सबसे बड़ा खर्च दाने पर आता है. कई बार दाना महंगा होने के साथ-साथ घटिया भी निकल जाता है, जिससे मुर्गियों की बढ़वार और अंडा उत्पादन दोनों पर असर पड़ता है. ऐसे में एक जलीय हरा चारा पोल्ट्री किसानों के लिए गेमचेंजर बनकर सामने आया है, जिसे अजोला कहा जाता है.
पोल्ट्री फार्मिंग में क्यों बढ़ रही है अजोला की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अजोला एक ऐसा जलीय पौधा है जो पानी की सतह पर तेजी से फैलता है और बहुत कम लागत में उगाया जा सकता है. पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसान अब इसे दाने के विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे खेत, आंगन, छत या खाली जमीन में बने छोटे गड्ढे में भी उगाया जा सकता है. गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में अजोला आसानी से तैयार हो जाता है, जिससे पूरे साल मुर्गियों के लिए हरा और ताजा आहार मिलता रहता है.
पोषण का खजाना है अजोला, इसलिए कहलाता है सुपरफूड
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि अजोला पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं. दूसरे हरे चारे की तुलना में इसमें प्रोटीन की मात्रा कई गुना ज्यादा मानी जाती है. यही वजह है कि इसे पोल्ट्री के लिए सुपरफूड कहा जा रहा है. नियमित रूप से अजोला खिलाने से मुर्गियों की सेहत बेहतर रहती है और बीमारियों का खतरा भी कम होता है.
मांस और अंडा उत्पादन बढ़ाने में कैसे मदद करता है अजोला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर मुर्गियों को रोजाना 10 से 20 ग्राम अजोला दिया जाए, तो उनके वजन और अंडा उत्पादन में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी जा सकती है. इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है, बल्कि दाने पर होने वाला खर्च भी काफी हद तक कम हो जाता है. यही नहीं, अजोला भेड़ और बकरियों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. उन्हें रोजाना सीमित मात्रा में अजोला खिलाने से उनके शारीरिक विकास और दूध उत्पादन में भी सुधार होता है.
अजोला उगाने का आसान तरीका, कम खर्च में ज्यादा फायदा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजोला उगाने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती. इसके लिए कच्ची क्यारी या छोटा गड्ढा बनाकर उसे पॉलीथिन शीट से ढक दिया जाता है. इसमें छनी हुई मिट्टी और गोबर की खाद मिलाकर पानी भर दिया जाता है. कुछ ही दिनों में अजोला फैलने लगता है. ध्यान रखने वाली बात यह है कि क्यारी में पानी हमेशा बना रहे और सीधी धूप न पड़े. सही देखभाल के साथ रोजाना अच्छी मात्रा में अजोला तैयार किया जा सकता है.