केकड़ा पालन बना किसानों की नई कमाई का जरिया, कम लागत में हर महीने लाखों रुपये का मुनाफा!

केकड़ा पालन आज किसानों और युवाओं के लिए कम लागत में ज्यादा कमाई का आसान तरीका बन गया है. मीठे पानी के केकड़ों की बढ़ती मांग के कारण बाजार में इनके अच्छे दाम मिल रहे हैं. छोटे तालाब या टैंक में भी कम खर्च में यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है, जिससे हर महीने बड़ी आमदनी संभव है.

नोएडा | Updated On: 22 Nov, 2025 | 05:13 PM

Crab Farming : अगर आप खेती-किसानी के साथ कोई ऐसा काम जोड़ना चाहते हैं, जिसमें मेहनत कम और फायदा ज्यादा मिले, तो केकड़ा पालन आपके लिए एक शानदार विकल्प है. आज मछली पालन के बाद सबसे तेज बढ़ने वाला व्यवसाय केकड़ा पालन ही है. बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर मीठे पानी के केकड़ों की, जिनका स्वाद और कीमत दोनों ही ज्यादा मिलते हैं. यही कारण है कि किसान और युवा उद्यमी इसे एक नई कमाई के मॉडल के रूप में अपना रहे हैं.

क्या होता है केकड़ा पालन?

केकड़ा पालन  मतलब तालाब, टैंक या कृत्रिम जलाशयों में केकड़ों को पाला जाता है. भारत में दो तरह के केकड़े पाए जाते हैं. समुद्री और मीठे पानी वाले. लेकिन मीठे पानी वाले केकड़ों का स्वाद बेहतरीन होने की वजह से इनकी मार्केट में खास मांग रहती है. खासकर होटल, रेस्टोरेंट और सुपरमार्केट में इन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता है.

कौन-से केकड़ों की सबसे ज्यादा मांग?

भारत में सबसे लोकप्रिय है मड क्रैब, जिसे दलदली केकड़ा भी कहा जाता है. इसकी मांग देश से लेकर विदेशों तक है. इसके अलावा ब्लू स्विमिंग क्रैब, जो समुद्री पानी का केकड़ा है, अपने स्वादिष्ट मांस के लिए काफी पसंद किया जाता है. तीसरी लोकप्रिय प्रजाति है ग्रीन क्रैब, जिसका मांस नरम और पोषक होने के कारण इंटरनेशनल मार्केट  में इसकी भारी डिमांड रहती है.

कैसे शुरू करें केकड़ा पालन? आसान और कम खर्च में

केकड़ा पालन शुरू करने के लिए किसी बड़े निवेश की जरूरत नहीं होती. अगर आपके पास जमीन है, तो छोटे-छोटे तालाब  बनाकर शुरू कर सकते हैं. जगह कम है तो सीमेंट टैंक भी एक अच्छा विकल्प हैं. पालन के लिए 50-100 ग्राम वजन वाले अच्छे क्वालिटी के केकड़े खरीदें. उन्हें आपस में लड़ाई से बचाने के लिए तालाब में बांस या जाल से डिवाइडर जरूर लगाएं. साफ पानी इनके बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है, इसलिए पानी को समय-समय पर बदलते रहें. खिलाने के लिए मछली के टुकड़े, झींगे, घोंघे, उबला चिकन या शेलफिश पाउडर दिया जा सकता है. सही और नियमित भोजन से केकड़े तेजी से वजन पकड़ते हैं.

कम लागत, भारी मुनाफा-कमाई सीधे पॉकेट में

केकड़ा पालन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें ज्यादा खर्च नहीं होता. केकड़े तेजी से बड़े होते हैं और उनका दाम वजन के हिसाब से 800 से 1500 रुपये प्रति किलो तक मिलता है. यानी थोड़ी सी जगह, थोड़ी सी मेहनत और सही तरीके से पालन शुरू किया जाए, तो कोई भी किसान या युवा हर महीने हजारों नहीं बल्कि लाखों की कमाई कर सकता है. बढ़ती बाजार मांग और मॉडर्न टेक्निक की वजह से यह खेती से जुड़ा एक ऐसा व्यवसाय बन चुका है, जिसे अपनाना बेहद आसान और फायदेमंद है.

Published: 22 Nov, 2025 | 07:00 PM

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