बरसात में बकरियों को खिलाएं इन 5 पेड़ों के पत्ते, नहीं पड़ेंगी बीमार.. तेजी से बढ़ेगा वजन
बरसात में बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ती हैं. पशु विशेषज्ञों के अनुसार, अमरूद, सहजन, नीम, गिलोय और मोरिंगा की पत्तियां खिलाने से बकरियों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है.
भले ही बारिश जीवन की रेखा है, लेकिन बरसात को बीमारियों का मौसम माना गया है. क्योंकि इस मौसम में तरह-तरह के बरसाती रोग पनपते हैं. खास कर बरसात में मवेशियों को ज्यादा बीमार पड़ने की संभावना रहती है. इसलिए बारिश के सीजन के दौरान उनके आहार में बदलाव करना जरूरी है. अगर आप बकरी पालक हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि आज हम कुछ ऐसे पेड़ के पत्ते के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो बकरियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं हैं. बरसात में इसे खिलाने से बकरियां बीमार नहीं पड़ती हैं.
पशु एक्सपर्ट का कहना है कि बरसात में बकरियों की लोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. इसके चलते बकरियां आए दिन बीमार पड़ती हैं. कई बार तो इनकी मौत तक हो जाती है. इसलिए बकरियों के आहार में बदलाव लाकर उनको बीमार पड़ने से बचा सकते हैं. ऐसे में बकरी पालकों को बरसात के मौसम में बकरियों को चारे के रूप में अमरुद, सहजन, नीम, गिलोय और मोरिंगा के पत्ते जरूर देना चाहिए. क्योंकि इनमें टेनिन कांटेंट और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. साथ ही इन पत्तों को खाने बकरियों के पेट में कीड़े नहीं लगते हैं.
बकरियों की ग्रोथ रूक जाती है
दरअसल, पेट में कीड़े होने पर बकरियों को बहुत परेशानी होती है. इसके चलते उनकी ग्रोथ रूक जाती है. उनका वजन भी तेजी से नहीं बढ़ता है. साथ ही पौष्टिक आहार का भी बकरियों के ऊपर कोई असर नहीं पड़ता है. ऐसे में बकरियां कमजोर और पतली हो जाती हैं. कई बार तो ज्यादा कमजोर होने पर बकरियों की मौत तक हो जाती है. खास कर जो किसान फॉर्म में बड़े स्तर पर बकरी का पालन करते हैं और स्टॉल फीड कराते हैं, उन्हें बकरियों के खानपान को लेकर ज्यादा सावधानी बरती चाहिए.
सहजन की पत्तियों में पाए जाते हैं ये गुण
अगर किसान बरसात के दौरान बकरियों को चारे में सहजन की पत्तियां देते हैं, तो यह बकरियों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है. इससे खाने से बकरियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. ऐसे भी सहजन की पत्तियों में वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. साथ ही सहजन की पत्तियां बकरियों के पेट में आसानी से पच जाती हैं. इसे खाने से उनका विकास में तेजी से होता है. खास कर वजन अधिक बढ़ता है.
बकरियों की मृत्यु दर में कमी आएगी
इसके अलावा किसान बरसात के सीजन के दौरान बकरियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नीम और गिलोय के पत्तियां भी खिला सकते हैं. इससे उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा. अगर आप बकरी के बच्चों को नीम और गिलोय की पत्तियां खिलाते हैं, तो उनके शरीर में बीमारियों से लड़ने की ताकत आ जाएगी. साथ ही वे जल्दी बीमार भी नहीं पड़ेंगे. इससे बकरियों की मृत्यु दर में कमी आएगी.