Animal Care : सर्दी का मौसम आते ही इंसानों के साथ-साथ पशु भी ठंड से परेशान होने लगते हैं. गांवों और ग्रामीण इलाकों में इस समय गाय, भैंस और बकरियों में जुकाम, खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ने लगती हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि इन बीमारियों का इलाज घर पर मौजूद देसी नुस्खों से भी किया जा सकता है. पशुपालक पीढ़ियों से ऐसे प्राकृतिक उपाय अपनाते आए हैं जो न केवल असरदार हैं बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी.
ठंड के मौसम में जानवरों पर बढ़ा असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में जब तापमान लगातार गिरता है, तब पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. इसी कारण गाय, भैंस और बकरियों को सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और नाक बंद होने जैसी परेशानियां होने लगती हैं. ठंड से बचाव न होने पर उनका दूध उत्पादन घटता है और वे सुस्त हो जाती हैं. ऐसे में पशुपालक अगर समय पर सही उपचार और सावधानी बरतें तो जानवरों को जल्दी राहत मिल सकती है.
अजवाइन का धुआं: सबसे असरदार देसी इलाज
ग्रामीण इलाकों में अजवाइन का धुआं देना सर्दी-जुकाम का पारंपरिक और सबसे असरदार उपाय माना जाता है. इसके लिए पहले गोबर का उपला जलाया जाता है और उसके ऊपर अजवाइन डाली जाती है. इससे जो धुआं निकलता है, उसे जानवर के पास ले जाकर कुछ देर तक सूंघने दिया जाता है. यह तरीका नाक बंद होने, सांस में तकलीफ और ठंड के शुरुआती लक्षणों को कम करने में बहुत उपयोगी होता है. कई पशुपालक इसे सर्दियों में नियमित रूप से करते हैं ताकि जानवर बीमार न पड़ें.
भाप से खुलेंगे गले और नाक, मिलेगी राहत
ठंड के मौसम में पशुओं को अक्सर गले में खराश और सांस की दिक्कत हो जाती है. ऐसे में भाप देना बहुत असरदार उपाय है. गुनगुने पानी में टिंचर बेंजोइन जैसी औषधीय बूंदें मिलाकर भाप देने से जानवर के गले और नाक में जमा बलगम ढीला हो जाता है. इससे उन्हें सांस लेने में आसानी होती है और शरीर में गर्मी बनी रहती है. भाप धीरे-धीरे देनी चाहिए ताकि जानवर को कोई तकलीफ न हो.
गुड़ से बढ़ेगी जानवरों की ताकत
सर्दियों में केवल उपचार ही नहीं, बल्कि खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी होता है. पशु चिकित्सकों के अनुसार, गुड़ या जैगरी का सेवन पशुओं के शरीर में गर्मी बनाए रखता है. इसे उनके चारे में मिलाकर दिया जाए तो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. इसके अलावा सूखे चारे में थोड़ी मात्रा में हरा चारा मिलाने से भी उनका पाचन तंत्र मजबूत रहता है और ठंड का असर कम होता है.
ठंड से बचाने के लिए रखें साफ और सूखा आश्रय
सर्दी में जानवरों को खुले में या गीली जगह पर रखना बेहद खतरनाक हो सकता है. उनके लिए ऐसा स्थान चुनें जहां ठंडी हवाओं का असर कम हो और फर्श सूखा रहे. रात में मोटी चादर या बोरी से उन्हें ढक देना चाहिए ताकि शरीर का तापमान सामान्य बना रहे. जिन इलाकों में पाला पड़ता है, वहां सुबह-सुबह जानवरों को बाहर न निकालें, क्योंकि ठंडी हवा उनके फेफड़ों पर असर डाल सकती है.
थोड़ी देखभाल से जानवर रहेंगे स्वस्थ
सर्दियों में पशुओं की देखभाल केवल दवा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. उन्हें नियमित रूप से साफ पानी पिलाना, पौष्टिक आहार देना और समय-समय पर उनकी जांच करवाना जरूरी है. घरेलू नुस्खे जैसे अजवाइन का धुआं, भाप और गुड़ का सेवन प्राकृतिक तरीके से उन्हें स्वस्थ रखते हैं. थोड़ी सावधानी और प्यार से पाले गए पशु न केवल बीमारियों से दूर रहते हैं बल्कि दूध उत्पादन में भी लगातार बढ़ोतरी करते हैं.