मंगला पशु बीमा योजना: अब आपके पशु का होगा फ्री बीमा, सरकार देगी 40 हजार रुपये की सहायता
राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत अब 2.54 लाख पशुओं का फ्री बीमा होगा. 1 सितंबर से लक्ष्य दुगुना कर दिया गया है. दावे पर अधिकतम 40,000 रुपये की सहायता दी जाएगी.
राजस्थान के गांवों में पशुपालकों के लिए उनके पशु सिर्फ रोजी-रोटी का साधन नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा होते हैं. जब कोई दुधारू गाय, भैंस, बकरी या भेड़ बीमार पड़ती है या किसी आपदा में जान गंवा देती है, तो पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है. ऐसे समय में दोहरी मार पड़ती है- भावनात्मक और आर्थिक. इन्हीं परिस्थितियों को समझते हुए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत की थी, जिसने अब एक नई उड़ान भर ली है. अब इस योजना में बड़ा बदलाव किया गया है जिससे हजारों नहीं, लाखों पशुपालकों को राहत मिलेगी.
क्या है मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत पशुपालकों को उनके दुधारू पशुओं का फ्री बीमा प्रदान किया जाता है. यानी अब अगर किसी कारणवश- जैसे बीमारी, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा- से पशु की मृत्यु हो जाती है, तो सरकार बीमा राशि के तौर पर अधिकतम 40,000 रुपये तक की सहायता देती है.
इस योजना में दो बड़े पशु (गाय/भैंस) या 10 छोटे पशु (बकरी/भेड़) का बीमा किया जा सकता है. खास बात यह है कि इसके लिए पशुपालकों को कोई प्रीमियम नहीं भरना होता.
कब शुरू हुई योजना और अब क्या हुआ बदलाव?
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत गत वर्ष की गई थी और इसे बाड़मेर व बालोतरा जैसे जिलों में सफलतापूर्वक लागू किया गया. अब सरकार ने पशुपालकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए इस योजना का लक्ष्य दोगुना कर दिया है.
1 सितंबर 2025 से यह नई व्यवस्था लागू होगी, जिसके अंतर्गत-
- बाड़मेर जिले में- अब 1,26,264 पशुओं का बीमा किया जाएगा (पहले 63,132 था)
- बालोतरा जिले में- अब 1,28,422 पशुओं का बीमा होगा (पहले 64,211 था)
इस बदलाव से पूरे प्रदेश में कुल 2 लाख 54 हजार पशुओं को बीमा सुरक्षा का लाभ मिलेगा.
कैसे मिलेगा योजना का लाभ? प्रक्रिया क्या है?
पशुपालकों को इस योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालन विभाग की वेबसाइट (animalhusbandry.rajasthan.gov.in) पर ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा. पंजीकरण के बाद विभाग लॉटरी प्रणाली के तहत चयनित पशुपालकों के पशुओं को योजना में शामिल करेगा. इसके बाद-
- पशुओं का हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.
- चयनित पशु योजना के तहत बीमित माने जाएंगे.
- किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर बीमा दावा प्रस्तुत कर सकते हैं.
अब तक कितने लोग हुए लाभान्वित?
योजना को लेकर पशुपालकों ने काफी उत्साह दिखाया है-
- बाड़मेर में- लक्ष्य 63,132 के मुकाबले 63,300 पंजीकरण.
- बालोतरा में- लक्ष्य 64,211 के मुकाबले 71,400 पंजीकरण.
- हेल्थ सर्टिफिकेट जारी- बाड़मेर में 46,855 पशुओं को, बालोतरा में 40,670 पशुओं को.
- अब तक दावे- योजना के तहत अब तक 156 बीमा दावे प्रस्तुत किए गए हैं, जिनकी विभाग द्वारा जांच की जा रही है और जल्द भुगतान किया जाएगा.
पशुपालकों को क्यों है यह योजना जरूरी?
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुधन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है. जब किसी पशुपालक का दुधारू पशु मर जाता है, तो उसे तुरंत नया पशु खरीदने में आर्थिक दिक्कत होती है. बीमा योजना से उन्हें यह भरोसा मिलता है कि कम से कम कुछ हद तक नुकसान की भरपाई हो सकेगी. पशुओं की ऊंची कीमतों को देखते हुए यह योजना गरीब व मध्यमवर्गीय पशुपालकों के लिए संजीवनी साबित हो रही है.
सरकार की मंशा और आगे की राह
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना को दुगुना करने का निर्णय सरकार की पशुपालकों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है. लाखों ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिरता और पशुपालन को प्रोत्साहन देने के लिए यह कदम बेहद सराहनीय है.
आने वाले समय में इस योजना का दायरा और बढ़ सकता है, जिससे और अधिक पशुपालक जुड़ सकें. साथ ही, पशुपालन विभाग द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया को और सुगम बनाना, प्रचार-प्रसार बढ़ाना और दावों के त्वरित निपटान पर जोर देना भी आवश्यक होगा.