Poultry Farming: किसानों के लिए ATM बनी मुर्गी की ये नस्ल.. कम लागत में हो रही बंपर कमाई

गांवों में ये देसी मुर्गी पालन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. यह देसी लुक और ज्यादा उत्पादन वाली नस्ल किसानों को कम खर्च में अच्छा मुनाफा देती है. अंडा और मांस दोनों की बढ़ती मांग इसकी कमाई बढ़ा रही है. छोटे स्तर पर शुरू होकर यह बिजनेस अब ग्रामीण आय का मजबूत सहारा बनता जा रहा है.

नोएडा | Updated On: 5 Dec, 2025 | 07:24 PM

Poultry Farming : गांवों में हर दिन खेती-बाड़ी के साथ नई कमाई के मौके भी बढ़ रहे हैं. पहले किसान सिर्फ खेत पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब लोग मुर्गी पालन को भी अच्छा बिजनेस मानने लगे हैं. खासकर देसी नस्ल की सोनाली मुर्गी ने किसानों के हाथ में एक ऐसा मौका दिया है, जिससे कम खर्च में भारी मुनाफा कमाया जा सकता है. यह मुर्गी देसी भी दिखती है और ब्रायलर जैसी तेजी से बड़ी भी होती है. इसलिए इसकी मांग गांव से लेकर शहर तक लगातार बढ़ती जा रही है.

क्या है सोनाली मुर्गी और क्यों है इतनी लोकप्रिय?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोनाली मुर्गी देसी और विदेशी नस्ल  के मेल से तैयार की गई एक हाइब्रिड प्रजाति है. इसे रोड आइलैंड रेड और देसी लेघॉर्न नस्लों को क्रॉस करके बनाया गया है. खास बात यह है कि देखने में यह बिल्कुल देसी मुर्गी जैसी लगती है, लेकिन इसकी ग्रोथ बहुत तेज होती है. यह मुर्गी सिर्फ 2-3 महीने में 1.5 से 2 किलो वजन तक पहुंच जाती है, जबकि सामान्य देसी मुर्गी  को इतना वजन पाने में बहुत समय लगता है. यही वजह है कि किसान इसे तेजी से पाल सकते हैं और जल्दी बाजार में बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.

खासियतें जो इसे किसानों की पहली पसंद बनाती हैं

सोनाली मुर्गी  की सबसे बड़ी ताकत है-कम खर्च और ज्यादा उत्पादन. इसे ज्यादा महंगे चारे की जरूरत नहीं होती. किसान खेत में बचा हुआ अनाज, घर की रसोई के अवशेष और देसी चारा देकर भी इसे आसानी से बड़ा कर सकते हैं. इसका रंग, आकार और देसी लुक ग्राहकों को बहुत पसंद आता है. बाजार में लोग अब हेल्दी और देसी मांस की तरफ ज्यादा झुक रहे हैं, और सोनाली मुर्गी इस मांग को पूरी तरह पूरा करती है. इसके अलावा यह मुर्गी भारत की गर्मी, सर्दी और बारिश-हर मौसम को आसानी से झेल सकती है. इसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति भी अच्छी होती है.

अंडों और मांस से किसानों को मिल रहा दोगुना लाभ

सोनाली मुर्गी एक साल में करीब 180 से 200 अंडे दे देती है. बाजार में देसी अंडों की कीमत 8-12 रुपये तक मिल जाती है, इसलिए किसान आसानी से रोज कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, 1.5 से 2 किलो वजन वाली एक मुर्गी 250 से 500 रुपये में आराम से बिक जाती है. वजन और क्षेत्र के हिसाब से कीमत और भी ज्यादा हो सकती है. अगर कोई किसान 100 चूजों का बैच पालता है, तो केवल 4 महीने में 60,000 से 1 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है. अगर चारे और दवाइयों का प्रबंधन  किसान खुद करता है, तो उसका मुनाफा और भी बढ़ जाता है.

छोटे स्तर पर शुरू करें और बनाएं स्थिर आय का जरिया

सोनाली मुर्गी पालन की खासियत यह है कि इसे छोटे स्तर पर भी शुरू किया जा सकता है. 50 से 100 चूजों से शुरुआत करना सबसे आसान और सुरक्षित माना जाता है. बड़े शेड या महंगे उपकरणों  की जरूरत नहीं होती. गांवों में जहां जगह और प्राकृतिक वातावरण पहले से मौजूद होता है, वहां इसका पालन और भी आसान हो जाता है. लोग इसे अपने घर के आंगन या छोटे शेड में पालकर हर महीने स्थिर आमदनी कमा रहे हैं. कम लागत, कम जोखिम और ज्यादा लाभ-इन्हीं तीन वजहों से सोनाली मुर्गी आज किसानों के लिए सबसे पसंदीदा नस्ल बन चुकी है.

Published: 5 Dec, 2025 | 09:30 PM

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