Snail farming: अगर आप हमेशा से सोचते आए हैं कि खेती या डेयरी के अलावा भी कुछ ऐसा किया जाए, जिससे कम खर्च में मोटी कमाई हो सके, तो घोंघा पालन (Snail Farming) आपके लिए शानदार मौका साबित हो सकता है. ये सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन आज दुनिया के कई देशों में यह एक लाभदायक और आधुनिक व्यवसाय बन चुका है. यूरोप, अमेरिका और अब भारत में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. चलिए जानते हैं इस अनोखे कारोबार की कैसे करें शुरुआत, कितना लगेगा खर्च और कैसे कमा सकते हैं इससे लाखों रुपए.
घोंघा पालन क्यों है फायदेमंद?
घोंघा भले ही छोटा जीव हो, लेकिन इसकी कीमत सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. इसका मांस, जिसे “एस्कर्गो (Escargot)” कहा जाता है, यूरोप के बड़े-बड़े होटलों में एक महंगी डिश के रूप में परोसा जाता है. इसके अलावा, घोंघों से मिलने वाला स्लाइम (Snail Mucus) कॉस्मेटिक और फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में बहुत कीमती होता है. यही वजह है कि घोंघा पालन किसानों के लिए कम लागत वाला लेकिन ज्यादा मुनाफे वाला बिजनेस बन चुका है.
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बहुत बड़ी जमीन या महंगे उपकरणों की जरूरत नहीं होती. बस सही माहौल और थोड़ी देखभाल से आप छोटे पैमाने पर शुरुआत कर सकते हैं और धीरे-धीरे इसे बढ़ा सकते हैं.
कौन-सी प्रजाति करें पालने की शुरुआत?
घोंघा पालन में सही प्रजाति का चुनाव बहुत जरूरी होता है. भारत की जलवायु में कुछ विदेशी प्रजातियां भी खूब फलती-फूलती हैं, जैसे
- हेलिक्स एस्पर्सा (Helix Aspersa)
- अकाटिना फुलिका (Achatina Fulica)
- हेलिक्स पामेटा (Helix Pomatia)
ये प्रजातियां तेजी से बढ़ती हैं और बाजार में इनकी अच्छी कीमत मिलती है. शुरुआती किसान इनमें से किसी एक से शुरुआत कर सकते हैं और अनुभव बढ़ने पर कई प्रजातियों को एक साथ पाल सकते हैं.
घोंघों के लिए सही वातावरण कैसा होना चाहिए?
घोंघों को ठंडी, नम और छायादार जगह पसंद होती है. उन्हें 18 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 80 फीसदी तक नमी की जरूरत होती है. इसके लिए आप ग्रीन नेट या शेड हाउस का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि सूरज की सीधी धूप न पड़े. अगर जगह बहुत सूखी है तो समय-समय पर पानी का छिड़काव करें. ध्यान रहे, सूखा और तेज गर्मी घोंघों के लिए बेहद नुकसानदायक होती है.
क्या खिलाएं घोंघों को?
घोंघों का पसंदीदा खाना बहुत आसान और सस्ता होता है पालक, मूली के पत्ते, कद्दू, पपीता, केला जैसी हरी-भरी सब्जियां. इसके साथ ही, उनके कवच को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम पाउडर या पिसा हुआ चूना देना जरूरी है. इन्हें दिन में एक या दो बार खाना दिया जा सकता है. साथ ही, बाड़े को नम बनाए रखना जरूरी है ताकि घोंघे एक्टिव रहें.
देखभाल और सफाई बेहद जरूरी
घोंघे बहुत नाजुक जीव होते हैं. अगर उनके रहने की जगह गंदी या बहुत सूखी हो जाए, तो ये जल्दी बीमार पड़ सकते हैं. ऐसे में बाड़े की सफाई, नमी और सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है. चूहे, चींटियां, छिपकली और पक्षी इनके दुश्मन माने जाते हैं, इसलिए इन्हें दूर रखने की व्यवस्था करें. अगर कोई घोंघा बीमार दिखे तो उसे तुरंत अलग कर दें.
कमाई का फॉर्मूला
घोंघा पालन में शुरुआती खर्च लगभग 30,000 से 50,000 रुपये तक होता है. इसमें शेड, आहार, प्रजाति और बाड़ा बनाने का खर्च शामिल है. एक बार घोंघे अंडे देने लगें तो आप साल में 2 से 3 बार नई खेप तैयार कर सकते हैं.
बाजार में इनकी कीमत 800 से 1500 रुपये प्रति किलो तक मिलती है. यानी एक छोटे से फार्म से भी आप हर साल लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं.
कहां बेचें घोंघे?
घोंघों की बिक्री के लिए आप कई रास्ते चुन सकते हैं
- स्थानीय होटल और रेस्टोरेंट
- पेट फूड निर्माता
- कॉस्मेटिक कंपनियां
- निर्यातक या विदेशी खरीदार
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon या B2B साइट्स
अगर गांव में किसान मिलकर क्लस्टर बनाएं तो इससे मार्केटिंग आसान हो जाती है और कीमत भी बेहतर मिलती है.