अगर आप खेती या पशुपालन से हटकर कुछ नया और कम खर्च वाला व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो घोंघा पालन (Snail Farming) आपके लिए शानदार मौका हो सकता है. यह सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में यह व्यवसाय लाखों किसानों की कमाई का मजबूत जरिया बन चुका है. और अब भारत में भी इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है.
आइए जानते हैं कि ये अनोखा कारोबार कैसे शुरू किया जा सकता है, किन बातों का रखना होगा ध्यान, और कैसे गांव में रहकर भी आप बना सकते हैं इससे शानदार इनकम.
घोंघा पालन क्यों फायदेमंद?
घोंघा एक छोटा सा जीव है, लेकिन इसका कारोबार बहुत बड़ा है. इसका मांस “एस्कर्गो” (Escargot) के नाम से जाना जाता है, जो खासकर यूरोपीय देशों में बेहद पसंद किया जाता है. होटल इंडस्ट्री, दवाओं और कॉस्मेटिक्स में भी घोंघा उपयोगी है. यही वजह है कि इसकी कीमत बाजार में अच्छी मिलती है. अच्छी बात ये है कि घोंघा पालन में लागत बहुत कम आती है और जगह भी ज्यादा नहीं चाहिए.
किस प्रजाति का घोंघा पालें?
घोंघा पालन की शुरुआत करते समय सबसे जरूरी है सही प्रजाति का चुनाव. ऐसी प्रजातियां चुनें जो तेजी से बढ़ती हों और बाजार में जिनकी मांग हो. कुछ प्रमुख प्रजातियां इस प्रकार हैं:
- हेलिक्स एस्पर्सा (Helix Aspersa)
- हेलिक्स पामेटा (Helix Pomatia)
- अकाटिना फुलिका (Achatina Fulica)
ये प्रजातियां यूरोप और एशिया में खूब बिकती हैं और भारत की जलवायु में भी अच्छी तरह पलती हैं.
पालन के लिए कैसा वातावरण जरूरी है?
घोंघा ठंडी, नम और छायादार जगह को पसंद करता है. इन्हें 18 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान और 75-90 फीसदी नमी की जरूरत होती है. आप अपने बाड़े के ऊपर ग्रीन नेट, प्लास्टिक शेड, या ग्रीनहाउस लगाकर यह माहौल बना सकते हैं. ध्यान रहे कि तेज धूप और सूखा माहौल घोंघों के लिए खतरनाक होता है.
क्या खिलाएं घोंघों को?
घोंघों का पसंदीदा खाना है हरी पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, मूली के पत्ते, कद्दू, पपीता और केला. साथ ही, कैल्शियम पाउडर या पिसा हुआ चूना भी जरूरी होता है, जिससे उनके कवच मजबूत बनते हैं. इन्हें दिन में एक या दो बार खाना दें और पानी का छिड़काव भी करें.
घोंघों की देखभाल कैसे करें?
घोंघे बहुत नाजुक जीव होते हैं. इनके रहने की जगह को हमेशा साफ और नम रखें. अगर किसी घोंघे में बीमारी या कवच टूटने जैसे लक्षण दिखें, तो उसे अलग कर दें. समय-समय पर उनके चलने और खाने की आदतों को देखकर स्वास्थ्य का अंदाजा लगाएं. घोंघों को चूहे, चींटियों और पक्षियों से बचाना भी जरूरी है, क्योंकि ये इनके दुश्मन होते हैं.
मार्केटिंग और बिक्री कहां करें?
घोंघों को बेचने के लिए आपको थोड़ा नेटवर्क बनाना होगा. आप इन जगहों से संपर्क कर सकते हैं:
- स्थानीय रेस्तरां और होटल
- पेट फूड निर्माता
- कॉस्मेटिक कंपनियां
- घरेलू और विदेशी व्यापारी
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स
आप चाहे तो किसानों के सहयोग से स्नैल फार्मिंग क्लस्टर बनाकर मिलकर भी बिक्री कर सकते हैं, जिससे दाम बेहतर मिलते हैं.
लागत और मुनाफा
घोंघा पालन में शुरुआत में 30,000 से 50,000 रुपये तक का खर्च आता है (शेड, प्रजाति, बाड़ा और आहार आदि मिलाकर). लेकिन एक बार घोंघे अंडे देने लगें, तो आप साल में 2 से 3 बैच से हजारों घोंघे तैयार कर सकते हैं. प्रति किलो घोंघा 800 से 1500 रुपये तक में बिक सकता है, जो जगह और खरीदार पर निर्भर करता है.