आम में फूल आने से लेकर फल तोड़ने तक इन बातों का रखें खास ध्‍यान

आंध्र प्रदेश के चित्‍तूर में आम की खेती करने वाले किसान खासे परेशान हैं. ये किसान देर से फूल आने के बाद भी बंपर फसल की उम्‍मीदें कर रहे थे. आम का पेड़ जब फल या फूल से लदने लगता है तो काफी देखभाल की जरूरत होती है.

Kisan India
Noida | Published: 15 Mar, 2025 | 12:30 PM

इन दिनों आंध्र प्रदेश के चित्‍तूर में आम की खेती करने वाले किसान खासे परेशान हैं. ये किसान देर से फूल आने के बाद भी इस साल बंपर फसल की उम्‍मीदें कर रहे थे. वहीं उनकी उम्‍मीदें कमजोर पड़ने लगी हैं. बताया जा रहा है कि जो फूल खिले थे, अब वो झड़ने लगे हैं. चित्‍तूर जिला, भारत के उन क्षेत्रों में से एक है, जहां पर आम का सबसे ज्‍यादा उत्‍पादन होता है. इस सीजन में यहां पर 1.7 लाख एकड़ में आम की खेती की गई है. विशेषज्ञों की मानें तो आम का पेड़ जब फल या फूल से लदने लगता है तो उसे काफी देखभाल की जरूरत होती है. अगर आप भी आम की खेती करते हैं और चाहते हैं कि चित्‍तूर में जो हुआ, वह आपके पेड़ के साथ न हो तो नीचे दिए गए कुछ खास टिप्‍स को फॉलो कर सकते हैं.

मंजर (बौर) निकलने की अवस्था में करें ये काम

1 मिलीलीटर इमिडाक्लोरप्रिड (17.8 एसएल) को 2 लीटर पानी में और गंधक चूर्ण (फफूंदनाशक) (80 डब्लू पी) को 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इससे मधुवा कीट और चूर्णिल आसिता रोग (Powdery mildew disease)यानी पत्तियों पर लगने वाली फंगस से बचाव हो सकेगा.
जो मंजर या बौर खराब हो रहे हों या जिनमें कुछ खराबी नजर आ रही हो उन्‍हें तोड़कर बाग से बाहर जला देना चाहिए या फिर जमीन में गाड़ देना चाहिए.
मुख्य तने पर बोर्डो पेस्ट (1 किग्रा चूना + 1 किग्रा तुतिया + 10 लीटर पानी दर से) से पुताई करनी चाहिए.
जो बात सबसे ज्‍यादा ध्‍यान देने वाली है, वह है कि इस अवस्था में सिंचाई नही करनी चाहिए नही तो फल झड़ने की आशंका बढ़ जाती है.

जब फल मटर के दाने के बराबर हों तब क्‍या करें

फूल के अच्छी तरह से खिल जाने के बाद से लेकर फल के मटर के दाने के बराबर होने की स्थिति के बीच आपको किसी भी तरह के कोई भी कृषि रसायन का प्रयोग करने से बचना है.
अगर आप इस स्थिति में कोई केमिकल प्रयोग करते हैं तो फूल, जो उस समय काफी नाजुक होता है, उसे नुकसान हो सकता है और फल बनने की प्रक्रिया बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है.
मटर के दाने के बराबर फल हो जाने के बाद इमिडाक्लोरप्रीड (17.8 एस०एल०) @ 1 मि०ली०दवा प्रति दो लीटर पानी में और हैक्साकोनाजोल @ 1 मीली / लीटर पानी में घोलकर छिड़कने से मधुवा और चूर्णिल आसिता रोग (Powdery mildew disease) से बचाव हो सकता है.
प्लेनोफिक्स नामक दवा @ 1 मिली प्रति 3 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से फल के गिरने में कमी आती है.
इस अवस्था में हल्की सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए जिससे बाग की मिट्टी में नमी बनी रहे लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पेड़ के आसपास पानी न इकट्ठा होने पाए.

मार्बल अवस्था या गुढली बनने के समय क्‍या करें

सूक्ष्मपोषक तत्व जिसमें घुलनशील बोरान की मात्रा ज्यादा हो @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.
इससे फल के झड़ने में कमी आती है और फलों की क्‍वालिटी अच्‍छी होती है.
बाग में हल्की-हल्की सिंचाई करके मिट्टी को हमेशा नम बनाएं रखें. इससे फल अच्‍छे से बढ़ते हैं और बाग को साफ सुथरा रखें.
थियाक्लोप्रिड युक्त कीटनाशकों का स्प्रे करने से आम फलों के बोरर्स को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है.
क्लोरिपायरीफॉस @ 2.5 मिली / लीटर पानी का स्प्रे करने से भी आम के फल छेदक कीट को प्रभावी ढंग से खत्‍म किया जा सकता है.

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