Earthworm farming: आज के समय में जब रासायनिक खादें मिट्टी की सेहत को बिगाड़ रही हैं, ऐसे में किसान एक बार फिर प्राकृतिक खेती की ओर लौट रहे हैं. जैविक खेती में सबसे ज्यादा मांग केंचुओं से बनी खाद, यानी वर्मी कंपोस्ट की है. यह न सिर्फ मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है, बल्कि इससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी होता है. यही कारण है कि आज देशभर में हजारों किसान केंचुआ पालन को अपनाकर लाखों रुपये महीना कमा रहे हैं. ऐसे में केंचुआ की खेती किसानों को करोड़पति बना सकती है.
क्या है केंचुआ खाद?
वर्मी कंपोस्ट एक प्राकृतिक जैविक खाद है, जो केंचुओं की मदद से तैयार की जाती है. केंचुए मिट्टी में मौजूद अपशिष्ट जैविक पदार्थ जैसे गोबर, पत्ते, सब्जियों के छिलके, फसल अवशेष आदि को खाकर उसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद में बदल देते हैं. यह खाद मिट्टी की शक्ति बढ़ाती है, पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करती है और फसलों को रोगों से बचाती है.
क्यों है इसकी इतनी डिमांड?
रासायनिक खादों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उपज क्षमता कम हो रही है. ऐसे में वर्मी कंपोस्ट एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है. इसकी डिमांड सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं, बल्कि नर्सरी, गार्डनिंग सेंटर्स, और ऑर्गेनिक फार्मिंग कंपनियों तक फैली हुई है. वर्तमान समय में एक किलो वर्मी कंपोस्ट की कीमत 8 से 15 रुपये तक मिल जाती है, जबकि इसकी लागत बहुत ही कम होती है.
केंचुआ पालन शुरू करने की प्रक्रिया
स्थान का चयन करें
केंचुआ पालन के लिए ऐसा स्थान चुनें जहां हल्की छाया और नमी बनी रहे. यह काम खेत के कोने में या किसी छप्पर वाले कमरे में भी किया जा सकता है.
कंटेनर या गड्ढा तैयार करें
आप लकड़ी, प्लास्टिक या ईंटों से बने 10-15 फुट लंबे और 3 फुट गहरे गड्ढे का इस्तेमाल कर सकते हैं. नीचे की सतह पर सूखी पत्तियां, मिट्टी और गोबर की परत डालें.
केंचुओं को डालें
लगभग 1 किलो केंचुए 10×3 फीट के बेड के लिए पर्याप्त होते हैं. इन्हें नम मिट्टी में डालें और ऊपर से गोबर या जैविक कचरा बिछा दें.
नमी और तापमान बनाए रखें
केंचुए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छे से पनपते हैं. बेड को समय-समय पर पानी से हल्का गीला रखें, लेकिन अत्यधिक पानी न डालें.
खाद तैयार होने में लगने वाला समय
लगभग 45 से 60 दिनों में खाद तैयार हो जाती है. जब यह पूरी तरह काली और दानेदार दिखने लगे तो इसे छानकर पैक करें.
कितनी होगी कमाई?
अगर आप 4000 वर्गफुट क्षेत्र में वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाते हैं तो हर बैच से लगभग 10 से 12 टन खाद तैयार हो सकती है. इसे बेचकर आप प्रति माह 3 से 5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, आप केंचुओं को मछली पालन, नर्सरी, और अन्य किसानों को बेचकर भी अतिरिक्त आय कमा सकते हैं.
वर्मी कंपोस्ट के लाभ
- मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है.
- फसलें रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधक बनती हैं.
- उत्पादन में 20–30 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती है.
- यह सस्ती, टिकाऊ और पर्यावरण के लिए सुरक्षित खाद है.
- केंचुआ पालन पर सरकार कई राज्यों में 50 फीसदी तक सब्सिडी भी देती है.