1 जून यानी आज से पंजाब में धान की रोपाई शुरू हो गई है. लेकिन बिहार सहित कई राज्यों में किसान अभी धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बीज की बुवाई ही कर रहे हैं. बुवाई के दौरान किसान डीएपी, नाइट्रोजन और पोटाश का छिड़काव करते हैं, ताकि नर्सरी जल्दी तैयार हो और बंपर पैदावार मिले. लेकिन किसानों को रासायनिक खादों का छिड़काव करने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर जान लेनी चाहिए, नहीं तो फसल को नुकसान भी पहुंच सकता है. क्योंकि अगर आप औसत से ज्यादा खाद खेत में डालते हैं, तो पौधे कई बार जल भी जाते हैं. इसलिए किसानों को हमेशा जरूरत के हिसाब से खाद का छिड़काव करना चाहिए.
कृषि एक्सपर्ट की माने को किसानों को जून के पहले हफ्ते में ही धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बीज की बुवाई कर देनी चाहिए. लेकिन कई बार जून महीने में प्रयाप्त बारिश नहीं होती है. इससे तापमान औसत से ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में कई बार फसलों में रोग लग जाते हैं और नर्सरी को नुकसान पहुंचता है. लेकिन सही तरीके से खेत तैयार कर नर्सरी को रोगों और कीटों से बचाया जा सकता है.
खेत की अच्छी तरह से करें जुताई
विशेषज्ञों का कहना है कि धान की नर्सरी के लिए दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. इस लिए किसान हमेशा दोमट मिट्टी वाले खेत में ही नर्सरी तैयार करने के लिए धान की बुवाई करें. लेकिन बीज की बुवाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें. इसके बाद जमीन को अच्छी तरह से धूप लगने दें, ताकि खरपतवार सूखकर नष्ट हो जाएं और हानिकारक कीट भी मर जाएं. इसके बाद अगर किसान बीज की बुवाई करते हैं, तो बीज जल्दी अंकुरित होंगे और नर्सरी बेहतर तैयार हो होगी.
इस अनुपात में करें खाद का छिड़काव
हालांकि, तैयार खेत में बीज की बुवाई करने से पहले किसान खेत में डीएपी, नाइट्रोजन और पोटाश का छिड़काव कर सकते हैं. लेकिन किसानों को जरूरत से ज्यादा खाद का छिड़काव करने की जरूरत नहीं है. किसान 5 किलो डीएपी, 5 किलो पोटाश और 2 किलो तक नाइट्रोजन का छिड़काव कर सकते हैं. इससे नर्सरी अच्छी तरह से तैयार होगी. क्योंकि फास्फोरस, डीएपी और नाइट्रोजन डालने से पौधों को प्रायाप्त मात्रा में पोषण तत्व मिलता है. ऐसे में नर्सरी 25 दिन के अंदर ही तैयार हो जाएगी.