सब्जी की खेती से मालामाल कश्‍मीर के सादिक अली, धान-गेहूं ने किया था निराश

सादिक अली पुंछ जिले की मेंढर तहसील के गोहलाद गांव के निवासी हैं. सादिक ने बताया कि पहले वह केवल गेहूं की खेती करते थे, लेकिन सब्जी की फसल से उन्हें अच्छी आय हो रही है.

Kisan India
Noida | Updated On: 14 Mar, 2025 | 10:10 AM

आज हम आपको जम्‍मू कश्‍मीर के एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी सुनाने जा रहे हैं जो पारपंरिक खेती में ज्‍यादा सफल नहीं हो सके थे. आज वह जिस तरह से सब्जियों की खेती से फायदा कमा रहे हैं, उसके बाद क्षेत्र के बाकी किसान भी उनसे प्रेरणा लेने लगे हैं. सिर्फ इतना नहीं कृषि विभाग की तरफ से भी सादिक अली की सफलता की कहानी को साझा किया गया है. विभाग की मानें तो सादिक अली ने साबित कर दिया है कि अगर किसी क्षेत्र में कुछ करना हो तो बस एक मजबूत इरादे की जरूरत होती है.

कभी करते थे धान की खेती

सादिक अली पुंछ जिले की मेंढर तहसील के गोहलाद गांव के निवासी हैं और यह गांव लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के बेहद करीब है. उनके पास करीब 15 कनाल जमीन है, जिस पर वह साल 2002-03 तक धान की खेती करते थे. गांवों से लोगों के शहर में आकर बसने के कारण गांव का कृषि योग्य क्षेत्र लगातार कम होता गया. घरों, सड़कों, इमारतों के निर्माण और सिंचाई चैनलों भी खत्‍म हो गए. इस वजह से क्षेत्र सिंचित से असिंचित होता चला गया.

मक्‍का और गेहूं से मामूली फायदा

सादिक अली की सिंचित जमीन भी असिंचित हो गई और फिर उन्‍हें धान छोड़कर बाकी फसलों की तरफ रुख करना पड़ा. शुरू में उन्होंने मक्का और गेहूं की पारंपरिक खेती शुरू की. लेकिन सिंचाई की कमी, खराब जल निकासी और बाकी मुसीबतों के चलते उन्हें प्रति सीजन करीब 15-20 हजार रुपये का मामूली फायदा ही हो पा रहा था. बाद में उन्‍होंने विविध खेती के महत्व को समझा. फिर साल 2008-09 सादिक अली ने अपनी जमीन पर सब्जियों की खेती शुरू की.

अब कमा रहे हैं अच्‍छा-खासा मुनाफा

कृषि विभाग तरफ से उपलब्ध कराई गई विभिन्‍न योजनाओं, प्रोत्साहनों, मार्गदर्शन और उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड बीजों का फायदा उठाकर उन्होंने प्रति सीजन लगभग 50-60 हजार रुपए का अच्छा-खासा मुनाफा कमाना शुरू कर दिया है. उन्हें विभाग की तरफ से पॉली ग्रीन हाउस भी मुहैया करवाया गया है. इसमें वह नर्सरी तैयार करते हैं और सब्जियों की संरक्षित खेती करते हैं. सादिक अली करीब 8 कनाल भूमि पर नोल-खोल, मूली, फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, मिर्च, बीन्स, लौकी, करेला, धनिया, भिंडी, खीरा आदि सब्जियां उगाते हैं. इनका कुल उत्पादन लगभग 50 क्विंटल होता है. उन्‍हें अब प्रति सीजन करीब 60-70 हजार रुपए का मुनाफा भी होता है.

उगाते हैं जानवरों के लिए चारा भी

सादिक अली बाकी बची सात कनाल भूमि पर मक्का/गेहूं और चारा उगाते हैं. उनके पास एक जोड़ी बैल, 2 भैंस, 1 गाय, 2 बछड़े, 2 बकरियां भी हैं. इनसे उन्हें अपने खेतों में इस्तेमाल के लिए भरपूर खाद मिलती है. इतना ही नहीं जिले में आयोजित किसान मेलों और प्रदर्शनियों में भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं. कृषि विभाग का कहना है कि एक जागरूक और मेहनती किसान होने के नाते वे क्षेत्र के बाकी किसानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

साल 2022 में सादिक अली ने कश्‍मीर के लेफ्टिनेंट गर्वनर (एलजी) से भी तारीफें बटोरी थीं. एलजी ने अपने ‘आवाम के आवाज’ कार्यक्रम में सब्जी की खेती करके अच्छी आजीविका कमाने का तरीका दिखाने के लिए उनकी प्रशंसा की. सादिक के मुताबिक जब से उन्होंने सब्जी की फसल उगाना शुरू किया है तब से उन्हें अच्छी आय हो रही है.

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Published: 13 Mar, 2025 | 08:52 PM

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