UPSC छोड़ खेती करने उतरीं आकांक्षा, 12 तरह के फल 15 प्रकार की सब्जियां उगा रहीं.. मिला पुरस्कार

आकांक्षा सिंह ने बताया कि उन्होंने नबीपुर में एक एकड़ जमीन लीज पर ली है और उसमें आदर्श जैविक कृषि फार्म स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि खेती में सफलता पाने के लिए उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र गाजियाबाद से ट्रेनिंग ली है. उन्हें कृषि विभाग मेरठ और गाजियाबाद से युवा अन्वेषी किसान के रूप में सम्मानित किया गया है.

नोएडा | Updated On: 27 Nov, 2025 | 07:02 PM

Success Farmer Story: कई बार आप करने कुछ निकलते हैं, लेकिन आपकी जड़े वापस आपको वहीं पहुंचा देती हैं. यह बात गाजियाबाद की आकांक्षा सिंह पर सटीक बैठती है. वह अपने पुश्तैनी खेती के काम की बजाय सरकारी अफसर बनने का इरादा लेकर बड़ी हुईं और यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की तैयारी शुरू की, लेकिन कुछ प्रयासों के बाद उन्हें पता चल गया है कि उन्हें खेती किसानी से लगाव है और वह इसी में करियर बनाएंगी. वह अपने खेतों में 12 तरह के फल और 12 तरह की सब्जियां ऑर्गेनिक तरीके से उगा रही हैं. उनके बेहतरीन उत्पादों के लिए उन्हें कृषि विभाग की ओर से सम्मानित भी किया गया है.

‘किसान इंडिया’ से बातचीत में 30 साल की आकांक्षा सिंह ने बताया कि उनके पिता गाजियाबाद में मुरादनगर के नबीपुर में खेती करते हैं. वह उन्हें बचपन से खेतों में और सामाजिक कार्य करते देखती आई हैं. उन्होंने एमएससी मैथमेटिक्स और फिर MA ज्योग्राफी से किया और सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन, कुछ वक्त बाद ही उन्हें पता चल गया है कि वह खेती किसानी में ज्यादा बेहतर कर पाएंगी, क्योंकि उसमें उन्हें रुचि है.

लीज पर लेकर शुरू की जैविक तरीके से एकीकृत खेती

आकांक्षा ने कहा कि उन्होंने अपने चाचा राहुल चौधरी के साथ मिलकर नबीपुर में एक एकड़ जमीन लीज पर ली है और उसमें आदर्श जैविक कृषि फार्म स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि खेती में सफलता पाने के लिए उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र गाजियाबाद से ट्रेनिंग ली है. जहां उन्होंने प्राकृतिक, जैविक खेती के साथ ही बीज, पौधों और मिट्टी सुधार के साथ उन्नत तकनीकों की जानकारी हासिल की है.

कृषि विभाग मेरठ और गाजियाबाद ने जैविक उत्पादों के लिए सम्मानित किया

गाजियाबाद कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉक्टर प्रमोद कुमार ने ‘किसान इंडिया’ को बताया कि आकांक्षा खेती में लगन से काम कर रही हैं और उन्होंने विज्ञान केंद्र से कृषि की उन्नत खेती की तकनीक की ट्रेनिंग हासिल की है. प्रमोद कुमार ने कहा कि आकांक्षा अपने चाचा के साथ मिलकर खेती कर रही हैं. उन्होंने बताया कि आकांक्षा ने फल और सब्जी की खेती कर रही हैं, जिसके लिए उन्हें कृषि विभाग की ओर से मेरठ कृषि मेले से जैविक उत्पादों के लिए पुरस्कार भी हासिल हो चुका है. जबकि, कृषि विज्ञान केंद्र गाजियाबाद ने भी आकांक्षा को पुरस्कृत किया है.

अपने खेत में युवा किसान आकांक्षा सिंह.

केला, चीकू आंवला और 15 तरह की सब्जियां उगा रहीं

युवा किसान आकांक्षा सिंह अपने एक एकड़ क्षेत्रफल में आदर्श जैविक कृषि फार्म स्थापित में 12 प्रकार के फल जैसे चीकू, नारंगी केला, आमला, कमरक के साथ ही 15 तरह की सब्जियों की खेती कर रही हैं. इसके साथ ही देसी गाय का पालन कर रही हैं और तथा वर्मी कंपोस्ट यूनिट भी लगा रखी है. आकांक्षा ने कहा कि वह एकीकृत खेती मॉडल को अपना रही हैं, ताकि कम लागत में उन्नत तरीके से ज्यादा और बेहतर उत्पादन हासिल किया जा सके.

गाजियाबाद में अपने फार्म पर आकांक्षा सिंह.

सबकी थाली में जहर मुक्त भोजन पहुंचाना लक्ष्य

आकांक्षा सिंह ने बताया कि भविष्य में जैविक उत्पादों के मूल संवर्धन का प्रयास करने पर जो दे रही हूं. वह पर्यावरण और जैविक खेती से विशेष लगाव के चलते जहर मुक्त भोजन पर ध्यान केंद्रित है और इसी दिशा में आगे बढ़ने के इरादे से नई तकनीकों के साथ उन्नत किस्मों की खेती करते हुए पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दूंगी और लोगों को जैविक और प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करूंगी.

Published: 27 Nov, 2025 | 06:49 PM

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