कलेक्टर के आदेश से आम लोगों में आक्रोश, गायों को चारा डालने पर लगा प्रतिबंध

कलेक्टर के इस फरमान की चौतरफा आलोचना हो रही है और इसे समाज के विभिन्न वर्गों ने गलत ठहराया है. फिलहाल, लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले में पुनः विचार करेगा और गायों के कल्याण के लिए बेहतर कदम उठाएगा.

नई दिल्ली | Published: 17 May, 2025 | 05:20 PM

मध्य प्रदेश के भिंड जिले में कलेक्टर के एक नए आदेश से जनभावनाएं आहत हो गई हैं. दरअसल, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने एक फरमान जारी किया है, जिसके तहत सड़कों पर घूमने वाली गायों को चारा डालने पर धारा 163 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस आदेश के बाद समाजसेवियों और आम लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. लोग इस आदेश को अजीब और गैर-व्यावहारिक मानते हुए इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं.

समाजसेवियों का कहना है कि इस आदेश के कारण गायें अब भूख से परेशान हो सकती हैं, क्योंकि अब कोई भी व्यक्ति अगर इन्हें चारा देता है तो उसे प्रशासन से सजा मिल सकती है. समाजसेवी और पशुप्रेमी इस आदेश को न केवल गलत, बल्कि असंवेदनशील भी मानते हैं. उनका कहना है कि अगर सड़कों पर गायों को चारा नहीं दिया जाएगा, तो वे भूख से मर सकती हैं, और फिर उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

इसके अलावा, समाजसेवियों ने कलेक्टर के आदेश को लेकर यह भी सवाल उठाया है कि प्रशासन खुद गौशालाओं की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है, और जो लोग इस समस्या का समाधान खोजने के लिए प्रयास कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उनका मानना है कि पहले प्रशासन को गायों के लिए स्थायी आश्रय स्थल बनाने चाहिए, फिर इस तरह के आदेश जारी करने चाहिए.

लोगों का कहना है कि गायों के लिए पहले उचित व्यवस्था की जाए, जैसे गौशालाओं का निर्माण और एक निश्चित स्थान तय किया जाए जहां लोग चारा डाल सकें. इसके बाद, इस तरह के आदेश जारी किए जाएं, ताकि निर्दोष जानवरों को इससे कोई नुकसान न हो.

कलेक्टर के इस फरमान की चौतरफा आलोचना हो रही है और इसे समाज के विभिन्न वर्गों ने गलत ठहराया है. फिलहाल, लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस मामले में पुनः विचार करेगा और गायों के कल्याण के लिए बेहतर कदम उठाएगा.