Bihar Assembly Election: भोजपुरी सिनेमा की दुनिया के “पावर स्टार” पवन सिंह को लोग उनके गानों और फिल्मों के लिए जानते हैं, लेकिन अब सुर्खियों में हैं उनकी पत्नी ज्योति सिंह, जिन्होंने एक नया रास्ता चुना है, राजनीति का. एक समय सिर्फ स्टार पत्नी के रूप में पहचानी जाने वाली ज्योति अब बिहार की सियासत में चर्चा का बड़ा नाम बन चुकी हैं.
शादी और निजी जीवन
साल 2018 में पवन सिंह ने ज्योति सिंह से दूसरी शादी की थी. शुरुआत में दोनों का रिश्ता काफी स्थिर दिखा, लेकिन कुछ ही सालों में दरारें सामने आने लगीं. ज्योति ने सोशल मीडिया पर खुलकर लिखा कि पवन सिंह अब उनसे बात नहीं करते, फोन तक नहीं उठाते. इसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने कई गंभीर आरोप लगाए, मानसिक प्रताड़ना, गर्भपात का दबाव और अकेलापन जैसे मुद्दों को लेकर उन्होंने अपनी कहानी साझा की.
पवन सिंह ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि ज्योति राजनीति में आना चाहती थीं और उसी के चलते उन्होंने विवाद खड़ा किया. यानी निजी रिश्ता अब सार्वजनिक और राजनीतिक हो चुका था.

Jyoti Singh controversy
सियासत में एंट्री
लंबे विवादों और सुर्खियों के बीच रहने के बाद ज्योति सिंह ने अपने नए सफर की घोषणा की — वो बिहार की राजनीति में कदम रख चुकी हैं. उन्होंने ऐलान किया कि वो रोहतास जिले की काराकाट (Karakat Vidhansabha Seat) विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी.
इसके अक्टूबर में दिया गया उनका बयान काफी ट्रेंड हुआ. उन्होंने कहा, “अब जनता ही मेरा दल है, किसी पार्टी की जरूरत नहीं,” उनका ये बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हुआ और उसी पल से उन्होंने खुद को सिर्फ एक नाम नहीं, एक आंदोलन की आवाज बना लिया. ज्योति कहती हैं, “लोग मुझसे उम्मीद रखते हैं, इसलिए मैं जनता के बीच रहकर उनकी लड़ाई लड़ूंगी.” उनका फोकस है महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता. यानि अब ज्योति सिंह की राजनीति का नारा साफ है, “घर की चारदीवारी से निकलकर अब मैं समाज की आवाज बनूंगी.”
किससे मिलीं और क्या एजेंडा है?
ज्योति सिंह ने हाल ही में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) से भी मुलाकात की थी. हालांकि उन्होंने साफ किया कि वो उनकी ‘जन सुराज’ पार्टी से टिकट नहीं लेने वाली हैं. उनका कहना है कि वो “किसी पार्टी के झंडे” से नहीं, बल्कि जनता के मुद्दों पर राजनीति करना चाहती हैं.
उनका फोकस खास तौर पर इन बातों पर है:
- महिलाओं के लिए सुरक्षा और सम्मान
- युवाओं के लिए रोजगार
- स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ आवाज

Jyoti Singh political career
विवादों का साया राजनीति तक
ज्योति सिंह की राजनीतिक एंट्री उनके निजी जीवन से अलग नहीं हो पाई है. मीडिया में चल रहे विवाद, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स और पवन सिंह के जवाब, इन सबने उनकी छवि को “संघर्षशील और बोल्ड” बना दिया है. कई लोग उन्हें “महिला सशक्तिकरण की नई आवाज” मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि उनका विवाद ही उनके राजनीतिक करियर की वजह बना.
काराकाट सीट क्यों खास है?
- काराकाट विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीति में अहम माना जाता है.
- यह वही इलाका है जहां पवन सिंह ने भी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार किया था.
- स्थानीय लोगों के बीच ज्योति की अच्छी पहचान है,
- इसलिए वे इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला ले चुकी हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ज्योति के मैदान में उतरने से महिला वोट और युवा वर्ग पर असर पड़ सकता है. उनकी उपस्थिति बड़ी पार्टियों जैसे BJP और RJD के वोट समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है.
सामने है चुनौतियों की झड़ी
ज्योति सिंह के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं —
- उनके पास किसी बड़ी पार्टी का समर्थन नहीं है.
- निर्दलीय उम्मीदवार होने के कारण फंडिंग और प्रचार तंत्र की कमी रहेगी.
इन सब के बीत सबसे बड़ा सवाल है कि, क्या जनता उनके निजी विवादों से आगे बढ़कर उन्हें एक राजनीतिक चेहरा मान पाएगी? लेकिन ज्योति का जवाब साफ है, “मुझे किसी का सहारा नहीं चाहिए, मैं खुद जनता का चेहरा बनना चाहती हूं.”

Jyoti Singh Bihar Election 2025
आगे क्या?
लोगों का मानना है कि, ज्योति सिंह की कहानी सिर्फ एक विवादित रिश्ता नहीं है. यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने अपनी आवाज को मंच दिया और अब उसी आवाज को जनता की आवाज में बदलने की कोशिश कर रही है.
चुनाव नतीजे जो भी हों, लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में एक नया नाम और चेहरा उभर चुका है, ज्योति सिंह – पावर स्टार की पत्नी नहीं, बल्कि अपनी पहचान वाली नेता.