क्या सच में ऊंट के आंसू सैंकड़ों सांपों के जहर को खत्म कर सकते हैं? जानिए सच

ऊंट की एंटीबॉडीज को "नैनोबॉडीज" कहा जाता है. ये बहुत छोटे और मजबूत होते हैं जो जहर के विषैले तत्वों से आसानी से जुड़ जाते हैं और उन्हें बेअसर कर देते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Aug, 2025 | 11:56 AM

सांप का जहर एक गंभीर समस्या है, खासकर ग्रामीण और दूरदराज इलाक़ों में जहां तुरंत इलाज मिलना मुश्किल होता है. हाल ही में कुछ खबरें आईं कि दुबई के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि ऊंट के आंसू में ऐसे एंटीबॉडी होते हैं जो कई प्रकार के सांपों के जहर को बेअसर कर सकते हैं. यह सुनकर ऐसा लग सकता है जैसे कोई विज्ञान कथा कहानी हो, लेकिन क्या यह दावा सही है? आइए जानते हैं इस शोध की असलियत और क्या सच में ऊंट के आंसू में ऐसी शक्ति है.

शोध में क्या पाया गया?

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, दुबई के सेंट्रल वेटरनरी रिसर्च लैब (CVRL) के वैज्ञानिकों ने ऊंट को विशेष प्रकार के सांप, जैसे ‘सॉ-स्केल्ड वाइपर’ के जहर के संपर्क में लाकर उसके शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने की प्रक्रिया का अध्ययन किया. इसके बाद उन्होंने ऊंट के आंसुओं और खून के नमूने लेकर उनका परीक्षण किया. शुरुआती नतीजे बताते हैं कि इन नमूनों में जहर को निष्प्रभावी करने की ताकत हो सकती है. इससे नई दिशा में सांप के काटने का इलाज खोजने की उम्मीद जगी है.

ऊंट के आंसुओं में क्या खास है?

ऊंट की एंटीबॉडीज को “नैनोबॉडीज” कहा जाता है. ये बहुत छोटे और मजबूत होते हैं जो जहर के विषैले तत्वों से आसानी से जुड़ जाते हैं और उन्हें बेअसर कर देते हैं. लैब में हुई जांच में पाया गया कि केवल एक बूंद आंसू की सहायता से कई तरह के सांपों के जहर के प्रभाव को रोका जा सकता है. खास बात यह है कि ये नैनोबॉडीज गर्म और कठोर पर्यावरण में भी अपनी ताकत बनाए रखते हैं, यानी इन्हें ठंडा रखने की जरूरत नहीं होती. इससे दूरदराज के इलाकों में भी इसका इस्तेमाल संभव हो सकता है जहां ठंडा करने की सुविधा नहीं है.

क्या यह दावा पूरी तरह सच है?

हालांकि ये खोज बहुत रोमांचक है, पर अब तक इसका पूरा वैज्ञानिक डेटा प्रकाशित नहीं हुआ है और न ही इसे विशेषज्ञों द्वारा पूरी तरह जांचा गया है. इसलिए अभी इसे प्रमाणित माना नहीं जा सकता. वैज्ञानिक इसे एक संभावित उपचार के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन अंतिम निष्कर्ष आने में थोड़ा समय लग सकता है. ऐसे में अगर किसी को सांप काट ले तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, न की खबरों को सच मानकर ऊंट के आंसू से इलाज करने लगें.

पारंपरिक एंटीवेंम से अलग है

अगर ये दावे सच साबित हुए, तो ऊंट के आंसू से बने एंटीबॉडीज पारंपरिक एंटीवेंम की तुलना में कई फायदे देंगे. ये गर्मी में भी टिकाऊ होंगे, जिससे इन्हें संरक्षित करना आसान होगा. साथ ही, ये एलर्जी जैसी समस्याएं कम पैदा करेंगे और इनका उत्पादन सस्ता और तेज होगा. इससे ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में सांप के काटने का बेहतर इलाज उपलब्ध हो सकेगा.

क्या होगा आगे

वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं कि कैसे ऊंट की ये नैनोबॉडीज व्यापक स्तर पर उपयोगी एंटीवेंम के रूप में विकसित की जा सकें. अगर यह सफल होता है, तो यह सांप के काटने के इलाज में एक क्रांतिकारी बदलाव होगा, जो हजारों लोगों की जान बचा सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां वर्तमान उपचार पहुंच से बाहर हैं. लेकिन ध्यान रखें की अभी इस विषय पर रिसर्च चल रही है, ये साबित नहीं हुआ है कि 100 प्रतिशत ऊंट के आंसू, सांप के जहर को काट देते हैं.

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