डेयरी किसानों की बढ़ेगी कमाई, 5 साल में 50 फीसदी गांवों में दुग्ध समितियां बनेंगी

मध्यप्रदेश सरकार ने NDDB के सहयोग से अगले 5 वर्षों में 50 फीसदी गांवों में डेयरी सहकारी समितियां बनाने का लक्ष्य तय किया है. इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और दुग्ध उत्पादन व प्रोसेसिंग को आधुनिक बनाना है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 6 May, 2025 | 08:30 AM

मध्यप्रदेश सरकार ने डेयरी किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक बड़ा और दूरदर्शी कदम उठाया है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ मिलकर सरकार ने अगले 5 वर्षों में प्रदेश के 50 प्रतिशत गांवों में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियां बनाने का लक्ष्य तय किया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट किया कि NDDB की विशेषज्ञता का लाभ पूरे प्रदेश को समान रूप से मिलना चाहिए. उन्होंने दूध की खरीद दरों में की गई बढ़ोतरी, गौशालाओं के उन्नयन, अन्य राज्यों की उन्नत नस्ल की गाय-भैंस लाने की योजना, दूध के वैल्यू एडिशन, कोल्ड चेन व ब्रांडिंग जैसी पहलों का भी रूपरेखा पेश किया.

अगले पांच साल में 50 फीसदी गांवों में बनेंगी डेयरी समितियां

प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने मिलकर अगले पांच वर्षों में मध्यप्रदेश के कम से कम 50 प्रतिशत गांवों में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना का लक्ष्य तय किया है. इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में दूध संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन की आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी. साथ ही दूध संकलन और गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा. इससे न सिर्फ किसानों को दूध का बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

डेयरी टेक्नोलॉजी और एनिमल हसबेंडरी के कोर्स

मुख्यमंत्री ने डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में बड़ी गौशालाएं विकसित की जा रही हैं, जिन्हें तकनीकी विश्वविद्यालयों और विशेषज्ञ संस्थाओं से जोड़ा जाएगा ताकि प्रबंधन बेहतर हो और दूध उत्पादन बढ़े. उन्होंने निर्देश दिए कि निजी विश्वविद्यालय भी डेयरी टेक्नोलॉजी और एनिमल हसबेंडरी के कोर्स शुरू करें.

NDDB की विशेषज्ञता से मिलेगा हर गांव को लाभ

बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि NDDB की विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश के हर कोने तक पहुंचना चाहिए. उन्होंने बताया कि अनुबंध के बाद प्रदेश के विभिन्न दुग्ध संघों के प्रबंधन की जिम्मेदारी अब NDDB द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है. इसके तहत डेयरी समितियों के कव्हरेज, दूध संग्रहण और प्रसंस्करण की प्रक्रिया में नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा.

बेहतर नस्ल की गाय-भैंस लाकर बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का लक्ष्य दूध उत्पादन को 9 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करना है. इसके लिए अन्य राज्यों की बेहतर नस्ल की गाय-भैंसों को प्रदेश में लाने और किसानों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में उत्पादित दूध का वैल्यू एडिशन यहीं किया जाए और फिर डेयरी उत्पाद बाहर भेजे जाएं ताकि लाभ राज्य के किसानों को मिले.

योजनाओं का होगा समन्वय

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेयरी को राज्य की किसान कल्याण योजनाओं से जोड़ा जाएगा. पशु पोषण, स्वास्थ्य, टीकाकरण और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि प्रदेश की डेयरी वैल्यू चेन सशक्त बन सके. बैठक में पशुपालन मंत्री लखन पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, NDDB प्रमुख मिनेश शाह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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Published: 6 May, 2025 | 08:30 AM

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