देशभर में 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके, 400 लैब खुलेंगी.. 1 एकड़ से सवा लाख की कमाई होगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक देशी गाय से 21 एकड़ रकबे में प्राकृतिक खेती होती है. किसान ही अन्नदाता है. अन्नदाता को प्राकृतिक खेती के लिये प्रेरित करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के समग्र प्रयास हम सबको समन्वित तरीके से करना है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि अनाज के उत्पादन में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के कारण कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं. इससे बचाव के लिये जरूरी है कि हम सभी प्राकृतिक के संवर्धन में अपना योगदान दें.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देशभर में अब तक लगभग 40 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं अपने खेत में प्राकृतिक खेती का प्रयोग किया है और इससे उत्पादन में वृद्धि देखी है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों की आय बढ़ती है, पानी की बचत होती है और रासायनिक उर्वरकों से होने वाली बीमारियों से मुक्ति मिलती है, जिससे किसानों के साथ-साथ पूरे समाज को लाभ होता है.
गाय पालन मॉडल से छोटे किसानों को लाभ
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह केंद्रीय मंत्री ने रीवा में बसामन मामा गौवंश प्रोजेक्ट का अवलोकन करते हुए कहा कि यह मॉडल छोटे किसानों के लिए मार्गदर्शक है, जहां गाय के गोबर से प्राकृतिक खेती की पूरी श्रृंखला विकसित की गई है. उन्होंने बसामन मामा गौ अभ्यारण्य को प्राकृतिक खेती का प्रमुख केंद्र बताया और किसानों से रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया. सहकारिता के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
एक एकड़ में खेती से मिलेगी सवा लाख की आय
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का रीवा क्षेत्र धीरे-धीरे विकसित क्षेत्र बन रहा है. आज एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट रीवा में है। रीवा में बसावन मामा गौवंश वन्य विहार के रूप में अनुकरणीय प्रकल्प तैयार किया गया है. यहां गोबर से बने खाद से प्राकृतिक खेती की जा रही है. एक एकड़ में सवा लाख रुपए की आय देने का यह प्रयोग छोटे किसानों को बड़ा लाभ प्रदान करेगा. किसान इस मॉडल को अपनाएंगे तो उनकी आय बढ़ेगी.
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एक देशी गाय से 21 एकड़ में प्राकृतित हो रही
उन्होंने कहा कि एक देशी गाय से 21 एकड़ रकबे में प्राकृतिक खेती होती है. किसान ही अन्नदाता है. अन्नदाता को प्राकृतिक खेती के लिये प्रेरित करने के साथ ही प्रोत्साहित करने के समग्र प्रयास हम सबको समन्वित तरीके से करना है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि अनाज के उत्पादन में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के कारण कई तरह की बीमारियां बढ़ रही हैं. इससे बचाव के लिये जरूरी है कि हम सभी प्राकृतिक के संवर्धन में अपना योगदान दें.
गृह मंत्री, कृषि मंत्री और परिवहन मंत्री करते हैं प्राकृतिक-जैविक खेती
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने से उत्पादन कम नहीं होता है. मैंने स्वयं अपने खेतों में प्राकृतिक खेती को अपनाया है. और इससे मुझे खेती में लाभ मिला है. बता दें कि खुद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय सड़क मार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी प्राकृतिक और जैविक तरीके से खेती करते हैं. जबकि, अन्य राज्यों के मंत्री भी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं.
रीवा में खेतों का दौरा करते केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मोहन यादव.
प्राकृतिक खेती संबंधी प्रमाणन के लिए 400 लैब खुलेंगी
केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित उपज के सर्टिफिकेशन, पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था की है. आगामी समय में देश में 400 से अधिक प्रयोगशालाएं किसान को प्राकृतिक खेती से संबंधित प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगी. इन सभी प्रयासों से प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों की आय डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगी. दुनियाभर में प्राकृतिक खेती का बड़ा बाजार है. आर्गेनिक अनाज खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है. भूमि परीक्षण से सर्टिफिकेशन, उपज का परीक्षण, बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग किसानों को उपज का बेहतर मूल्य दिलाएंगी. हम किसानों की आय को बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास प्राथमिकता से कर रहे हैं.