केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को अधिक लाभ पहुंचाने और सही कीमत दिलाने के साथ ही छोटी चीनी यूनिटों पर निगरानी बढ़ाने के लिए शुगर कंट्रोल ऑर्डर में संशोधन किया है. इंडस्ट्री के शीर्ष निकाय इस्मा ने कहा है कि सरकार के इस कदम से चीनी मिलों के साथ डिजिटल इंटीग्रेशन आसान हो जाएगा. जबकि, मूल्य निर्धारण रेगुलेशन के साथ ही मानकों को बेहतरी से लागू किया जा सकेगा. जबकि, कच्ची चीनी बनाने वाली यूनिटों को भी निगरानी में लाया जा सकेगा, जिससे गन्ना किसानों को एफआरपी दाम मिलना आसान हो जाएगा.
भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ ने कहा कि चीनी नियंत्रण आदेश को संशोधन की मांग की गई थी. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के साथ समन्वय के बाद दशकों पुराने चीनी (नियंत्रण) आदेश 1966 की व्यापक समीक्षा की गई है. इसके नतीजे में चीनी नियंत्रण आदेश 2025 तैयार किया गया है, जिसमें मौजूदा उद्योग प्रथाओं, तकनीकी प्रगति और ग्लोबल स्टैंडर्ड के साथ रेगुलेशन को स्पष्ट किया गया है.
चीनी मिलों के साथ डिजिटल एकीकरण:
नए आदेश में सार्वजनिक वितरण विभाग डीएफपीडी पोर्टल और चीनी मिलों के ईआरपी या एसएपी सिस्टम के बीच एपीआई बेस्ड इंटीग्रेशन को अनिवार्य किया गया है. इससे रियल टाइम डेटा शेयरिंग संभव हो जाएगी. जबकि, डेटा लीकेज कम से कम होगा. चीनी बिक्री पर जीएसटीएन डेटा अब बेहतर निगरानी के लिए लिंक किया गया है. 450 से अधिक चीनी मिलें पहले से ही इंटीग्रेटेड हैं. इसके अलावा पिछले चीनी मूल्य नियंत्रण आदेश 2018 के प्रावधानों को नए आदेश में कंसोलिडेट किया गया है. इससे रेगुलेशन सुव्यवस्थित हो गए हैं और स्टेकहोल्डर्स को अधिक स्पष्टता दी गई है.
कच्ची चीनी यूनिट भी निगरानी में रहेंगी
कच्ची चीनी बनाने वाली यूनिट अब आधिकारिक रूप से निगरानी में है और इसे राष्ट्रीय चीनी स्टॉक कैलकुशन में शामिल किया गया है. यह कदम अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और कच्ची चीनी के लिए खांडसारी या ऑर्गेनिक जैसे भ्रामक लेबल को खत्म करता है. इसके अलावा पहली बार 500 टन प्रतिदिन (TCD) से अधिक पेराई क्षमता वाली खांडसारी चीनी मिलों को निगरानी में लाया गया है. इससे किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) का अनिवार्य भुगतान करना पक्का होगा. इसके साथ ही चीनी उत्पादन के आंकड़ों की सटीकता बढ़ेगी. भारत में 373 खांडसारी यूनिट में से 66 यूनिट 500 टन डेली TCD लिमिट से अधिक हैं.
कई तरह के चीनी प्रोडक्ट का मानक में आएंगी
कई तरह की चीनी जैसे प्लांटेशन व्हाइट शुगर, रिफाइंड शुगर, खांडसारी चीनी, गुड़, बूरा, क्यूब शुगर और आइसिंग शुगर के लिए परिभाषाएं अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की ओर से तय मानकों के तहत होंगी. इन सुधारों के साथ चीनी नियंत्रण आदेश 2025 एक प्रमुख नीतिगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है जो शासन को मजबूत करने, ट्रेसबिलिटी में सुधार करने और शुगर वैल्यू चेन में सभी स्टेक होल्डर्स, किसानों से लेकर मैन्यूफैक्चरर्स और कंज्यूमर्स तक का सपोर्ट करने के लिए है.