सहकारिता से महिलाओं को मिला संबल, अब कर रहीं अच्छी कमाई

गुजरात के कच्छ से आई एक महिला मीरलबेन आशाबाई ने बताया कि सहकारिता विभाग की मदद से कच्छ में सरहद डेयरी की स्थापना हुई जो कि एक कैमल मिल्क डेयरी है. मीरल ने बताया कि ये एक ऑनलाइन डेयरी है जिसकी मदद से इलाके के सभी परिवारों को ऊंट का दूध आसान से उलब्ध होता है.

नोएडा | Published: 9 Jul, 2025 | 04:44 PM

देश की महिलाओं को सशक्त और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिशों में लगी रहती है. इसी कड़ी में देश की महिलाओं को सहकारिता से जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ने महिलाओं को फायदा पहुंचाया है. अंतरारष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के मौके पर गुजरात के अहमदाबाद में सहकार संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें सहकारिता की मदद से अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं ने केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ अपने अनुभाव साझा किया. बता दें कि इन गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश से आई इन महिलाओं ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया और बताया कि किस तरह सहकारिता से जुड़कर इन महिलाओं का जीवन बदला है और वे आर्थिक तौर पर मजबूत भी हुई हैं.

कच्छ के ऊंट पालकों कर रहे अच्छी कमाई

गुजरात के कच्छ से आई एक महिला मीरलबेन आशाबाई ने बताया कि सहकारिता विभाग की मदद से कच्छ में सरहद डेयरी की स्थापना हुई जो कि एक कैमल मिल्क डेयरी है. मीरल ने बताया कि ये एक ऑनलाइन डेयरी है जिसकी मदद से इलाके के सभी परिवारों को ऊंट का दूध आसान से उलब्ध होता है. उन्होने बताया कि सहकारिता विभाग की इस मदद से ऊंट पालकों को बहुत फायदा हुआ है और आज 360 परिवार एक स्थायी और खुशहाल जीवन जी रहे हैं.

मीनल से बात करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 4 आयुर्वेदिक कंपनियों में ऊंट के दूध का ट्रायल हो रहा है ताकि उसके औषधीय गुणों के बारे में सटीक जानकारी की जा सके. उन्होंने कहा अगर ऊंट के दूध से दवाइयां बन सकती हैं तो दूध की कीमतें बढेंगी जिससे ऊंट पालकों की आमदनी भी बढ़ेगी.

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गुजरात के कच्छ से आई मीनलबेन आशाबाई

राजस्थान की जनजातीय महिलाएं कर रहीं व्यवसाय

राजस्थान के डोंगरपुर जिले के जनजातीय क्षेत्र से आई सीमा भगत ने सहकारिता से महिलाओं को जोड़ने के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया. उन्होंने बताया कि पैक्स की मदद से उन्होंने अपने इलाके में घर-घर जाकर 50-50 रुपये इकट्ठा करके महिला समूह बनाया. इस महिला समूह से जुड़ी महिलाओं को पैसे बचाना सिखाया. सीमा बताती हैं कि आज उनकी महिला समिति से करीब 600 महिलाएं जुड़ी हुई हैं और उनका सालाना डिपॉसिट 2.5 करोड़ रुपये का है. इस जोड़े गए पैसे का इस्तेमाल महिला समिति से जुड़ी महिलाओं को उनका खुद का व्यवसाय शुरु करने में किया जाता है.

सीमा भगत ने बताया कि इस डिपॉसिट से मिलने वाली वित्तीय मदद से आज जनजातीय या पिछड़ी महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं. इस तरह महिलाएं सशक्त हो रही हैं और अच्छी कमाई भी कर रही हैं , जिससे वे संतुष्ट भी हैं.

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राजस्थान के डोंगरपुर से सीमा भगत

MP की महिला किसान ने बढ़ाई 75 फीसदी कमाई

मध्य प्रदेश के धार जिले से आईं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला किसान सुदामा आचार्य ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से आज वे नई मशीनों के इस्तेमाल से खेती कर रही हैं. उन्होंने बताया कि लोन फ्री ब्याद की मदद से उन्हें खेती में बहुत फायदा मिला है , उनकी आमदनी में 75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. महिला किसान सुदामा ने बताया कि आज वे वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल कर रही हैं और खेती में मल्चिंग विधि का भी इस्तेमाल कर रही हैं. इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी फसलों को मंडी में न बेच कर सीधे सरकार को बेचें ताकि उनकी फसलों की खरीद MSP पर हो सके.

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मध्य प्रदेश की महिला किसान सुदामा आचार्य