ओडिशा के बरगढ़ जिले में बेमौसम बारिश और मंडियों में भंडारण की कमी से परेशान किसानों ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नाम एक ज्ञापन सौंपकर तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है. संजुक्त कृषक संगठन के बैनर तले किसानों ने यह ज्ञापन अपर जिला अधिकारी मधुचंदा साहू को सौंपा है. उन्होंने कहा कि मंडियों में धान की खरीद धीमी गति से हो रही है, जिससे हजारों क्विंटल कटा हुआ धान खुले में पड़ा है और बिक नहीं पाया है. किसानों ने कहा कि बारिश की संभावना ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. अगर समय पर धान नहीं उठाया गया, तो बारिश से उनकी पूरी फसल खराब हो सकती है.
ज्ञापन में कहा गया कि अब तक 66,773 किसानों ने 44.52 लाख क्विंटल रबी धान बेच दिया है, लेकिन 24,223 किसान अभी भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. असमय बारिश से पहले ही काफी धान खराब हो चुका है और बाकी का भी खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि मंडियों में भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.
बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने की मांग
किसानों ने मांग की है कि सरकार तुरंत युद्धस्तर पर शेष धान की खरीद शुरू करे और एक नोटिफिकेशन जारी कर किसानों को यह भरोसा दे कि वे अपना कटा हुआ धान मंडियों में लाएं, जहां सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही, जो धान बारिश से खराब हुआ है, उसकी गुणवत्ता जांच के बाद उसे भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाए. किसानों ने मंडियों में बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने और अधिकृत राइस मिलों द्वारा तेजी से धान उठाव की भी मांग की है.
5-10 फीसदी फसल बर्बाद हो सकती है
संगठन के सलाहकार रमेश महापात्रा ने कहा कि जिले की कई मंडियों में अब भी लगभग 11 लाख बोरी धान पड़ा है, जिसमें सबसे ज्यादा धान बरपाली ब्लॉक में है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले दो दिन तक मौसम ऐसा ही रहा, तो और 5-10 फीसदी फसल बर्बाद हो सकती है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए, नहीं तो इसका नुकसान किसानों के लिए बहुत बड़ा होगा. किसान संगठन ने यह भी चेतावनी दी कि अगर जल्द धान की खरीद शुरू नहीं हुई, तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे.