GI Tag: पूरे विश्व में है बिहार के इस आम की डिमांड, अनूठी खुशबू और मिठास मिश्री की तरह

जर्दालू आम भागलपुर की पहचान है, जिसकी खुशबू और मिश्री जैसी मिठास इसे खास बनाती है. इसमें 67 फीसदी गूदा होता है और एक पेड़ से 2000 आम मिलते हैं. इसका उत्पादन 25 टन प्रति हेक्टेयर तक होता है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 12 May, 2025 | 07:54 PM

जब भी आम की बात होती है, तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम सामने आता है, क्योंकि यह आम उत्पादित करने वाला देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां के दशहरी और लंगड़ा आम पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आम उत्पादन के मामले में बिहार देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल है. यहां पर भी कई किस्म के आम उगाए जाते हैं. जर्दालू आम को GI Tag भी मिल चुका है. इस आम को अपनी खासियत के लिए जाना जाता है. इसकी डिमांड पूरे विश्व में है. तो आइए आज जानते हैं जर्दालू आम की खासियत के बारे में.

जर्दालू आम की खेती बिहार के भागलपुर जिले में की जाती है. यह आम हल्के पीले रंग का होता है और विशेष सुगंध के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है जर्दालू आम को पहली बार भागलपुर क्षेत्र में महाराजा रहमत अली खान बहादुर ने खड़गपुर से लगवाया था. भागलपुर जिले के जगदीशपुर ब्लॉक के ताजेपुर गांव में स्थित 200 साल पुराना जर्दालू पेड़ को ‘मदर प्लांट’ के रूप में जाना जाता है. आप इस आम की खासियत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि बिहार सरकार गिफ्ट के तौर पर इसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा अध्यक्ष सहित देशभर के अन्य प्रमुख हस्तियों भेजती है. हर गिफ्ट पैक में 5 से 6 किलोग्राम जर्दालू आम होते हैं.

जर्दालू आम की पैदावार

अगर जर्दालू आम की खासियत के बारे में बात करें, यह अपनी अनूठी खुशबू और लजीज टेस्ट के लिए फेमस है. इसमें रेशा तो बिल्कुल नहीं होता है. लगभग इसमें 67 प्रतिश गूदा होता है. आप जर्दालू के एक पेड़ से एक सीजन के दौरान 2000 तक आम के फल तोड़ सकते हैं. एक हेक्टेयर के बगीचे से 25 टन तक उपज हो सकती है. इसकी सप्लाई केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में होती है.

एक फल का वजन 200 ग्राम

ऐसे जर्दालू आम के एक फल का वजन 200 ग्राम से अधिक होता है. लेकिन, इसका छिलका मोटा होता है. इसे पका कर खाने के साथ-साथ अचार में भी बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कि जर्दालू आम की मिठांस मिश्री की तरह होती है. मुंह में डालते ही इसका गूदा मक्खन की तरह पिघल जाता है. इसलिए जूस निकालने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

आम उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी

साल 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में फलों के कुल प्रोडक्शन में आम की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है. जबकि, देश के कुल आम उत्पादन में बिहार की भागीदारी 11 फीसदी है. राज्य में हर साल करीब 15.50 लाख टन आम का उत्पादन होता है. खास बात यह है कि देश में आम का औसत उत्पादन 8.94 टन प्रति हेक्टेयर है, लेकिन बिहार में 9.09 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है. यहां के भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, वैशाली और मुजफ्फरपुर में किसान बड़े स्तर पर आम की खेती करते हैं.

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Published: 12 May, 2025 | 07:31 PM

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