सेब के भाव और किसान के बीच रोड़ा बनीं सड़कें, मंडी तक नहीं पहुंच पा रही उपज

अब तक इस मॉनसून में कुल 2,173 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें बागवानी क्षेत्र को 27.43 करोड़ और कृषि क्षेत्र को 11.45 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. भूस्खलन से कई सेब बागान तबाह हो गए हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 20 Aug, 2025 | 04:00 PM

हिमाचल प्रदेश में इस बार सेब किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, क्योंकि भारी बारिश और भूस्खलन से राज्यभर में 397 सड़कें और तीन नेशनल हाईवे बंद हैं. ऐसे में किसानों के सेब समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसक चलते कुल्लू और बंजार जैसे इलाकों में किसान मजबूरी में सड़क किनारे सेब फेंक रहे हैं.

डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, भूस्खलन का सबसे ज्यादा असर कुल्लू और मंडी जिले में देखने को मिल रहा है, जिससे कई सड़कें बंद हैं. खास बात यह है कि इन्हीं दो जगहों से मंडियों में सबसे ज्यादा सेब आते हैं. लेकिन रास्ते बंद होने के चलते किसान अपनी उपज लेकर होलसेल मार्केट नहीं पहुंच पा रहे हैं. कुल्लू में 85 सड़कें और नेशनल हाईवे 305 बंद हैं. मनाली हाईवे भी बार-बार बंद हो रहा है, जिससे ट्रैफिक पर असर पड़ रहा है. वहीं, मंडी में 192, शिमला में 21 और सिरमौर में 22 सड़कें बंद हैं.

इस मॉनसून में कुल 2,173 करोड़ रुपये का नुकसान

हालांकि, सड़कें बंद होने के बावजूद कुछ सेब किसी तरह मंडियों तक पहुंच भी रहे हैं. लेकिन इस दौरान रास्ते में सेब की क्वालिटी खराब हो जा री है, जिससे खरीदार सही कीमत नहीं दे रहे. ऐसे में किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर रहा है. राज्य सरकार के अनुसार, अब तक इस मॉनसून में कुल 2,173 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बागवानी क्षेत्र को 27.43 करोड़ और कृषि क्षेत्र को 11.45 करोड़ का नुकसान हुआ है. लेकिन सेब समय पर मंडियों तक न पहुंचने से होने वाले सीधे नुकसान का अभी कोई आधिकारिक आंकलन नहीं हुआ है.

बारिश से राजमा की फसल को भी नुकसान

खास बात यह है कि इस प्राकृतिक आपदा का असर सिर्फ सेब पर नहीं, बल्कि दूसरी फसलों पर भी पड़ा है. किसानों का कहना है कि इस बार भारी बारिश के कारण राजमा की फसल को भी नुकसान हुआ है, क्योंकि फूल ही नहीं आ सके. टमाटर की फसल भी बर्बाद हो गई है. इसका सीधा असर बाजार में दिख रहा है, जहां टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई है.

सेब से 5,000 करोड़ रुपये की आमदनी

बता दें कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था में सेब की बहुत अहम भूमिका है. हर साल सेब उत्पादन से राज्य को सीधे और परोक्ष रूप से करीब 5,000 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. यही वजह है कि सेब को राज्य की आर्थिक रीढ़ कहा जाता है. करीब 2.5 लाख परिवार सीधे इस काम से जुड़े हैं. लेकिन इस बार प्राकृतिक आपदा ने इन किसानों को बर्बाद कर दिया है. 

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Published: 20 Aug, 2025 | 03:53 PM

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