CM का ऐलान- दिवाली से पहले किसानों के मिलेगा मुआवजा, बैंक नहीं करेंगे कृषि लोन की वसूली
महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ से 60 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गईं. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि नुकसान का आंकलन जारी है और दिवाली से पहले किसानों को राहत दी जाएगी. मराठवाड़ा समेत कई जिलों में तबाही हुई है. केंद्र से राहत पैकेज की भी मांग की गई है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राहतभरी खबर है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि बीते एक हफ्ते की भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में करीब 60 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसलें बर्बाद हो गई हैं. नुकसान का पूरा आंकलन अभी जारी है और अगली कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए अंतिम राहत पैकेज का ऐलान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि दिवाली से पहले राहत राशि किसानों को मिल जाए. कैबिनेट बैठक के बाद फडणवीस ने कहा कि जुलाई और अगस्त में हुए फसल नुकसान के लिए 2,215 करोड़ रुपये की मदद पहले ही वितरित की जा चुकी है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने केंद्र से बाढ़ राहत पैकेज की मांग की है और पूरे नुकसान का आंकलन होने के बाद प्रस्ताव भेजा जाएगा.
वहीं, विपक्ष की ‘गीला सूखा’ घोषित करने की मांग पर फडणवीस ने कहा कि ऐसा कोई आधिकारिक शब्द नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तक कभी किसी सरकार ने ‘गीला सूखा’ घोषित नहीं किया है. लेकिन हम ये सुनिश्चित करेंगे कि प्राकृतिक आपदा के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं किसानों को दी जाएंगी. इस बारिश और बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान मराठवाड़ा के आठ जिलों में हुआ है, इसके अलावा सोलापुर, सातारा और सांगली जैसे जिलों में भी फसलें तबाह हो गई हैं.
बैंक अभी किसानों से नहीं वसूलेंगे कर्ज
किसानों को बैंकों द्वारा लोन रिकवरी नोटिस भेजे जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ये नोटिस पुराने कर्ज की वसूली से जुड़े हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि बैंकों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे अभी वसूली की प्रक्रिया आगे न बढ़ाएं. जबकि, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सरकार राहत उपायों को अंतिम रूप देने पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर तक नुकसान का आंकलन पूरा हो जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार एक बैठक कर वित्तीय मदद और अन्य राहत उपायों पर फैसला लेंगे.
बारिश से फसल को पहुंचा नुकसान
कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि महाराष्ट्र में करीब 1.25 करोड़ से 1.50 करोड़ एकड़ कृषि भूमि इस बार अत्यधिक बारिश से प्रभावित हुई है. सिर्फ सितंबर में ही लगभग 1 करोड़ एकड़ फसलें बर्बाद हुई हैं. किसानों की समस्याएं सही हैं और हम उन्हें अतिरिक्त मदद देने की कोशिश करेंगे. ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोर ने कहा कि सरकार ने बाढ़ से प्रभावित किसानों को शुरुआती राहत के तौर पर 10,000 रुपये सीधे बैंक खातों में जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.