Paddy procurement: धान के MSP में 69 रुपये की बढ़ोतरी, अब 3169 रुपये क्विंटल होगी खरीदी
ओडिशा सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन के लिए धान का MSP बढ़ाकर सामान्य धान 3,169 और ग्रेड ‘A’ 3,189 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया. राज्य ने 800 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी भी जोड़ी. गुणवत्ता मानक तय किए गए हैं, और नई दर सभी अधिकृत मंडियों में लागू होगी, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ मिलेगा.
Agriculture News: किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है. ओडिशा सरकार ने 2025- 26 खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए धान की खरीद कीमत में 69 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है. अब सामान्य ग्रेड (Common) धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 3,169 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ‘A’ धान का मूल्य 3,189 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के 3,100 रुपये से अधिक है. खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नई दर मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान खरीदे जाने वाले सभी धान पर लागू होगी. यह संशोधन केंद्र सरकार द्वारा तय 2,369 रुपये प्रति क्विंटल के राष्ट्रीय MSP के आधार पर किया गया है, जिसमें राज्य सरकार ने स्थानीय किसानों को सहायता देने के लिए 800 रुपये प्रति क्विंटल की अतिरिक्त सब्सिडी जोड़ी है.
विभाग ने कहा कि यह बढ़ोतरी किसानों के हितों की रक्षा करने और उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है. यह फैसला राज्य की कृषि स्थिरता और किसानों की आय सुरक्षा बढ़ाने की नीति के तहत लिया गया है. खास बात यह है कि धान को दो श्रेणियों में बांटा गया है. ‘कॉमन’ और ‘ग्रेड ए’. जिन किस्मों का लंबाई-चौड़ाई अनुपात 2.5 या उससे अधिक है, वे ग्रेड ‘A’ मानी जाएंगी, जबकि 2.5 से कम अनुपात वाली किस्में ‘कॉमन’ श्रेणी में आएंगी. कॉमन धान का MSP 2,369 रुपये और ग्रेड ‘A’ धान का MSP 2,389 रुपये क्विंटल है. इन दोनों पर 800 रुपये की राज्य सब्सिडी जोड़ी जाएगी.
कीट लगे दानों की मात्रा 4 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए
ओडिशा सरकार की अधिसूचना में खरीफ सीजन में खरीदे जाने वाले सभी धान की एक समान गुणवत्ता तय की गई है. इसके अनुसार, धान अच्छी, व्यापार योग्य हालत में, सूखा, साफ-सुथरा और रंग तथा आकार में समान होना चाहिए. धान में फफूंदी, कीट, बदबू, अर्जेमोन मेक्सिकाना, खेसारी (Lathyrus sativus) या कोई हानिकारक/जहरीला पदार्थ नहीं होना चाहिए. खराब, अंकुरित या कीट लगे दानों की मात्रा 4 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. ऑर्गेनिक विदेशी पदार्थ 1 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए, जिसमें जहरीले बीज 0.5 फीसदी से अधिक नहीं हों. धतूरा के बीज 0.025 फीसदी और अकड़ा (Vicia प्रजाति) 0.2 फीसदी से अधिक नहीं होने चाहिए. नमूना जांच के लिए BIS की Cereals और Pulses (IS:14818-2000) विधि का पालन किया जाएगा.
अधिकृत मंडियों और खरीद केंद्रों में लागू होगा MSP
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब राज्य के किसान पोस्ट-हार्वेस्ट गतिविधियों की शुरुआत कर रहे हैं. चूंकि धान ओडिशा की मुख्य खरीफ फसल है, बढ़ा हुआ MSP लाखों छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभदायक होगा. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि नया MSP राज्य के सभी अधिकृत मंडियों और खरीद केंद्रों में लागू होगा.