धान खरीद के 2 महीने बाद भी नहीं हुआ भुगतान, किसानों का 600 करोड़ है बकाया

तमिलनाडु में धान खरीद के दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक किसानों को भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में किसान खरीफ सीजन की बुवाई नहीं कर पा रहे.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 31 May, 2025 | 10:52 AM

तमिलनाडु में धान खरीद के दो महीने बीत जाने के बाद भी किसानों को अभी तक भगतान नहीं किया गया है. हालांकि, धान खरीद होने पर 48 घंटे के अंदर भी भुगतान करने का नियम है. इससे किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. तमिलनाडु किसान संघ के अध्यक्ष पीआर पंडियन ने कहा कि तमिलनाडु सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन (TNCSC) ने दो महीने पहले किसानों से खरीदे गए 600 करोड़ रुपये मूल्य के धान का भुगतान अब तक नहीं किया है. इससे किसान परेशान हैं, क्योंकि उन्हें खरीफ फसल की बुवाई करने के लिए बीज और खाद खरीदने हैं.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीआर पंडियन ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री आर सक्करापानी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह ‘अरिसी कूट्टमैप्पू’ नाम की एक प्राइवेट कंपनी के पक्ष में काम कर रहे हैं, जिसके जरिए TNCSC आठ दक्षिणी जिलों (मदुरै को छोड़कर) में किसानों से अनाज खरीद रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री ‘अरिसी कूट्टमैप्पू’ नाम की कंपनी (जिसके मालिक अमरुद्दीन शेख दाऊद हैं) को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

दो महीने बाद भी नहीं हुआ भगतान

पंडियन ने आगे कहा कि TNCSC जो 1975 से किसानों से सीधे धान खरीद रही थी, उसने डीएमके सरकार के सत्ता में आने के बाद उस प्राइवेट कंपनी के साथ समझौता किया. नियमों के अनुसार, किसानों को धान खरीदी के 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए, लेकिन अब दो महीने बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है. जब इस मामले पर मंत्री आर. सक्करापानी से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें पंडियन के बयान की जानकारी नहीं है.

धान की खरीद आपूर्ति निगम के माध्यम से होनी चाहिए

पीआर पांडियन ने कहा कि धान की खरीद तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से होनी चाहिए, प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों और निजी एजेंसियों को खरीद में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. मदुरै में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बोलते हुए पांडियन ने कहा कि किसानों को लंबित धान खरीद बकाया का भुगतान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को फसल बीमा से संबंधित मुद्दों का भी समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य को तमिलनाडु भूमि समेकन (विशेष उद्देश्यों के लिए) अधिनियम, 2023 को वापस लेना चाहिए. विकास के नाम पर कॉरपोरेट उपजाऊ कृषि भूमि और जलाशयों को हड़प सकते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 31 May, 2025 | 10:47 AM

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?

Side Banner

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?