हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद कपास की फसल संकट में आ गई है. खेतों में जमा पानी के कारण पौधों की जड़ों में फंगस लग गया है, जिससे पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं और फसल की बढ़वार रुक गई है. कई किसान अब इसे लेकर चिंतित हैं. कृषि विशेषज्ञों ने इसे गंभीर स्थिति बताया है और समय पर इलाज की सलाह दी है.
खेतों में पानी भरने से बिगड़ी फसल की सेहत
बारिश के बाद खेतों में पानी भर जाने से कपास की जड़ों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है. इस वजह से पौधों की जड़ें कमजोर हो रही हैं और उनमें फंगस का असर दिख रहा है. फंगस के कारण पौधे की पत्तियां पीली होने लगती हैं और धीरे-धीरे सूखने लगती हैं.
ऐसे करें फंगस की पहचान
विशेषज्ञों के अनुसार, कपास की फसल में फंगस लगने के कुछ स्पष्ट लक्षण होते हैं जिन्हें किसान आसानी से पहचान सकते हैं. सबसे पहले पौधों की निचली पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, जो फसल में समस्या का संकेत है. इसके बाद पौधे की बढ़वार धीमी हो जाती है या पूरी तरह रुक जाती है. इसके साथ ही पौधा झुकने लगता है या मुरझाने लगता है, जिससे फसल कमजोर दिखती है. अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो फसल का एक बड़ा हिस्सा खराब हो सकता है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए जल्द उपचार जरूरी है.
दवा से करें इलाज, लेकिन सही तरीके से
फसल को फंगस से बचाने के लिए रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल बहुत जरूरी होता है. विशेषज्ञों के अनुसार, 2.5 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम को एक लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाना चाहिए. इस घोल को जड़ों में धीरे-धीरे ड्रेचिंग विधि से देना चाहिए ताकि दवा सीधे जड़ों तक पहुंचे और फंगस को प्रभावी रूप से खत्म कर सके. इस प्रक्रिया को 10 से 15 दिनों के बीच में दोहराना आवश्यक है ताकि फसल पूरी तरह सुरक्षित रह सके और फंगस की समस्या को रोका जा सके. सही समय पर उपचार से नुकसान कम होता है.
दवा के साथ करें ये जरूरी उपाय
केवल दवा डालना फंगस से बचाव के लिए पर्याप्त नहीं है. जब तक खेतों में पानी की सही निकासी नहीं होगी, तब तक फंगस बार-बार लौट सकता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेतों में पानी निकालने के लिए नालियां बनाएं ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके. साथ ही मिट्टी को भुरभुरा रखें जिससे जड़ों को हवा मिलती रहे और फंगस पनपने की संभावना कम हो. इसके अलावा खेतों की नियमित सफाई और निगरानी भी जरूरी है. इन उपायों से फंगस का प्रभाव कम होता है और फसल सुरक्षित रहती है.
समय पर करें इलाज, बच सकती है फसल
फंगस की समस्या शुरू में साधारण लग सकती है, लेकिन अगर नजरअंदाज किया जाए, तो पूरे खेत की फसल को नुकसान हो सकता है. इसलिए जैसे ही पत्तियां पीली दिखें या पौधा कमजोर लगे, तुरंत दवा का उपयोग करें और खेत की स्थिति की समीक्षा करें. समय रहते कार्रवाई करने से फसल को बचाया जा सकता है और किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा.