तेलंगाना में 60 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद, किसानों के खातों में पहुंचे 14058 करोड़
तेलंगाना में खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के दौरान धान की रिकॉर्ड सरकारी खरीद जारी है. अब तक 60 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा गया है. किसानों को 14,058 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है, जबकि भंडारण क्षमता बड़ी चुनौती बनी हुई है.
Telangana News: तेलंगाना में धान की बंपर खरीद जारी है. मौजूदा खरीफ विपणन सीजन में धान की सरकारी खरीद 60 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हो चुकी है, जो पिछले दो सालों के रिकॉर्ड को भी पार कर गई है. सूत्रों के मुताबिक, नागरिक आपूर्ति विभाग 80 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जबकि राज्य में भंडारण क्षमता सिर्फ 65 लाख मीट्रिक टन की ही है. वहीं, अब तक किसानों को कुल 14,058 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इसमें बढ़िया किस्म वाले धान की खेती करने पर दिया गया 926 करोड़ रुपये का बोनस भी शामिल है.
ऐसे राज्य भर में बने 8,447 खरीद केंद्रों के जरिये अब तक कुल 61.27 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है, जिसमें 31.28 लाख मीट्रिक टन फाइन धान और 29.98 लाख मीट्रिक टन मोटा धान शामिल है. सूत्रों के मुताबिक, खरीदा गया धान सीधे मिलों में भेजा जा रहा है, जहां उसकी प्रोसेसिंग हो रही है. पूरी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से चल रही है. धान की खरीद का आंकड़ा पहले ही पिछले वर्षों के पूरे सीजन से ज्यादा हो चुका है. खरीफ विपणन सीजन 2024- 25 में कुल 54 लाख मीट्रिक टन और 2023- 24 में 47 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी.
66.8 लाख एकड़ में होती है धान की खेती
इस साल तेलंगाना में 66.8 लाख एकड़ में धान की खेती की गई. 148 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान उत्पादन की उम्मीद है. सरकार ने 80 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है. इसमें से 40 लाख मीट्रिक टन बढ़िया किस्म (सन्ना बिय्यम) और 40 लाख मीट्रिक टन मोटा धान (डोड्डु किस्म) शामिल है. इस पूरी खरीद पर करीब 22,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को मजबूत किया जा सके.
गोदामों में 65 लाख टन से ज्यादा अनाज रखने की जगह
हालांकि धान की खरीद के बाद उसके भंडारण को लेकर राज्य अब भी परेशान है. मौजूदा गोदामों में 65 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा अनाज रखने की जगह नहीं है. हाल ही में नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि एफसीआई के गोदामों में जमा पुराने स्टॉक को हटाकर भंडारण क्षमता बढ़ाने की जरूत है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को लिखे पत्र में रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना में राज्य भंडारण निगम (SWC) और केंद्रीय भंडारण निगम (CWC) के पास कुल मिलाकर सिर्फ 65 लाख मीट्रिक टन की ही भंडारण क्षमता है. उनके मुताबिक, राज्य में हर साल तेजी से बढ़ रहे धान उत्पादन को देखते हुए यह क्षमता बिल्कुल नाकाफी साबित हो रही है.
भंडारण क्षमता में उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई
उन्होंने कहा कि भंडारण क्षमता में उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई है, जितनी जरूरी है. इसी वजह से कस्टम मिल्ड राइस (CMR) की समय पर आपूर्ति में बड़ी रुकावट आ रही है. इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि उसकी भंडारण योजनाओं के तहत अतिरिक्त 15 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता बढ़ाई जाए. साथ ही राज्य में नए गोदाम और साइलो बनाने की अनुमति दी जाए, ताकि CMR की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित हो सके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीद की प्रक्रिया बिना किसी परेशानी के सुचारू रूप से चलती रहे.