खेतों में जलभराव, किसान नहीं कर पा रहे फसल बुवाई.. अब उठी मुआवजे की मांग
AIKS के राज्य महासचिव सुमित दलाल ने कहा कि सरकार ने हाल ही में दावा किया कि राज्यभर के जलभराव से हुई खरीफ फसल हानि के लिए किसानों को 116 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है, लेकिन अभी भी कई प्रभावित किसान छूट गए हैं.
Haryana News: हरियाणा के रोहतक में किसान फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि खेतों में अभी भी पानी भड़ा हुआ है. ऐसे में पूर्व मंत्री और बीजेपी राज्य प्रवक्ता कृष्ण मूर्ति हुड्डा और अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने राज्य सरकार से मांग की है कि जिन किसानों के खेत में पानी भरा है, उन्हें मुआवजा दिया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जलजमाव वाले गांवों में स्थायी ड्रेनेज सिस्टम बनाना चाहिए ताकि किसान बार-बार फसल नुकसान का सामना न करें.
कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने कहा कि मेहम उपखंड के फार्माना खास, भैनी भारो, बेड़वा और सामैन गांवों के बड़े हिस्से में जलभराव है, जिससे कई किसान रबी फसल नहीं बो पा रहे. मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने अभी तक पानी नहीं निकाला. उन्होंने सिंचाई विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर पहले से सही इंतजाम किए होते तो किसानों को नुकसान नहीं होता. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी केवल तब सक्रिय हुए जब किसानों ने आंदोलन की धमकी दी.
प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की उठी मांग
हुड्डा ने कहा कि वे प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हैं, ताकि उन किसानों की जानकारी एकत्र की जा सके जिन्होंने नुकसान उठाया. सभी गांवों से जानकारी मिलने के बाद वे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर विशेष गिर्दावरी कराने और प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग करेंगे. फार्माना खास के किसान जितेन्द्र ने कहा कि उनके गांव के कई खेत अभी भी जलभराव में हैं. मेरी सात एकड़ जमीन अभी भी पानी में डूबी हुई है. उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि पानी जमा होने की समस्या का स्थायी समाधान निकले.
50,000 एकड़ खेती की जमीन प्रभावित थी
AIKS के राज्य महासचिव सुमित दलाल ने कहा कि सरकार ने हाल ही में दावा किया कि राज्यभर के जलभराव से हुई खरीफ फसल हानि के लिए किसानों को 116 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है, लेकिन अभी भी कई प्रभावित किसान छूट गए हैं. उन्होंने मांग की कि सभी प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता राजेश भारद्वाज ने कहा कि जिले में अब 100 एकड़ से कम जमीन जलभराव में है और बाकी पानी निकालने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने बताया कि शुरुआत में लगभग 50,000 एकड़ जमीन प्रभावित थी, लेकिन पंप सेट और अन्य उपायों से अधिकांश गांवों से पानी निकाल दिया गया.