भारत में चीनी उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, भारत सरकार निर्यात पर कर सकती है फैसला

भारतीय शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक, इस सीजन में कुल उत्पादन 34.9 मिलियन टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी अधिक है. इसमें से लगभग 5 मिलियन टन चीनी एथेनॉल उत्पादन में इस्तेमाल होगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 9 Oct, 2025 | 09:16 AM

Sugar Production: नई शुगर सीजन की शुरुआत 1 अक्टूबर से हो चुकी है और इस बार भारत में चीनी उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास लगभग 7 मिलियन टन का अतिरिक्त सर्प्लस होगा, जिससे देश वैश्विक चीनी बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. इस बढ़ोतरी के कारण सरकार दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच चीनी निर्यात की अनुमति देने पर विचार कर सकती है. घरेलू उत्पादन, निर्यात संभावनाएं और वैश्विक मांग मिलकर इस सीजन को किसानों और उद्योग के लिए खास बना रहे हैं.

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, भारतीय शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के मुताबिक, इस सीजन में कुल उत्पादन 34.9 मिलियन टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी अधिक है. इसमें से लगभग 5 मिलियन टन चीनी एथेनॉल उत्पादन में इस्तेमाल होगी. अन्य विशेषज्ञ BMI (Fitch Solutions की इकाई) का अनुमान है कि भारत का उत्पादन 35.3 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. इस बढ़ोतरी के कारण घरेलू मांग और निर्यात दोनों के लिए पर्याप्त चीनी उपलब्ध रहेगी.

निर्यात की संभावनाएं

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत सरकार चीनी निर्यात पर निर्णय उत्पादन और घरेलू मांग के आधार पर लेगी. अनुमान है कि निर्यात लगभग 1 से 2 मिलियन टन तक हो सकता है. कई उद्योग विश्लेषकों ने सुझाव दिया है कि अगर उत्पादन उम्मीद से अधिक हुआ, तो सरकार दिसंबर से फरवरी के बीच निर्यात की अनुमति दे सकती है.

कीमतों का रुझान

विशेषज्ञों का मानना है कि इस सीजन में वैश्विक चीनी की कीमतें स्थिर रह सकती हैं. BMI ने अनुमान लगाया है कि ICE-लिस्टेड शुगर फ्यूचर्स की कीमत 16–17 सेंट प्रति पौंड के आसपास रह सकती है. थाईलैंड और भारत को इस समय लाभकारी बाजार माना जा रहा है, जबकि ब्राजील की आगामी फसल भी अच्छी रहने की संभावना है, जिससे कीमतों में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं होने की संभावना है.

वैश्विक बाजार पर असर

विश्लेषकों का अनुमान है कि 2025-26 में वैश्विक चीनी बाजार में तीसरा सबसे बड़ा सर्प्लस देखने को मिलेगा. भारत और थाईलैंड इसका मुख्य हिस्सा होंगे. थाईलैंड का उत्पादन 11.35 मिलियन टन तक बढ़ने का अनुमान है और वह लगभग 7.6 मिलियन टन निर्यात कर सकता है. वहीं, चीन 11 मिलियन टन उत्पादन करेगा और कीमतों में गिरावट के कारण बड़ी मात्रा में चीनी आयात करेगा.

ऑस्ट्रेलिया में भी उत्पादन बढ़ने की संभावना है और वहां से लगभग 3.2 मिलियन टन चीनी निर्यात हो सकती है. पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देश भी इस सीजन में आयात पर निर्भर रहेंगे. इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी वैश्विक बाजार से बड़ी मात्रा में चीनी आयात कर सकते हैं.

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Published: 9 Oct, 2025 | 09:16 AM

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