महिलाओं को मुफ्त में सरसों के बीज दे रही सरकार, ऑर्गेनिक खाद पाने का भी मौका

जिले के कृषि विभाग ने मुफ्त सरसों के बीज बांटने का अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में सरसों की खेती को बढ़ावा देना है.

Kisan India
Published: 15 Feb, 2025 | 06:11 AM

पश्चिम बंगाल की महिला किसानों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, बंगाल सरकार महिला किसानों को मुफ्त में सरसों के बीज दे रही है. महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और सरसों की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है.

इस योजना से महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है. महिला किसानों को इस योजना के तहत प्रति बीघा एक किलो बीज मुफ्त में दिया जा रहा है. इसके साथ ही, किसानों को फफूंदनाशक (फंगीसाइड) और जैविक खाद भी प्रदान की जा रही है.

क्या है योजना?
जिले के कृषि विभाग ने मुफ्त सरसों के बीज बांटने का अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में सरसों की खेती को बढ़ावा देना है. हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले में इस अभियान के तहत महिला किसानों को मुफ्त सरसों के बीज वितरित किए गए. बड़ी संख्या में महिलाएं इस अभियान में भाग ले रही हैं और मुफ्त बीज योजना का लाभ उठा रही हैं. भविष्य में इस क्षेत्र में तिलहन की खेती में इजाफे की पूरी संभावना है.

फरक्का ब्लॉक के 435 महिला किसानों को मुफ्त बीज दिए गए हैं, ताकि सरसों की खेती में इजाफा हो और उनकी आय बढ़ सके. यह पहल ऐसे समय में की गई है जब यहां के किसान कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. जिले के अधिकारियों का मानना है कि इससे सरसों की पैदावार में महत्वपूर्ण इजाफा होगा. तिलहन के बढ़ते दामों को देखते हुए, सरसों प्रोडक्शन में इजाफे से किसानों को लाभ होगा.

मीडिया में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक फरक्का ब्लॉक के सहायक कृषि अधिकारी बिक्रांत साहा ने बताया, “हमने 435 महिला किसानों को पीएम 28 किस्म के सरसों के बीज वितरित किए हैं. प्रत्येक महिला को प्रति बीघा जमीन पर एक किलो बीज दिया गया है.

इस अधिक उपज वाली किस्म से किसानों को न केवल 20 फीसदी अधिक उत्पादन मिलेगा, बल्कि उनकी आय में भी इजाफा होगा.” बीजों के साथ-साथ महिला किसानों को मुफ्त में इलाज के लिए फफूंदनाशक और जैविक खाद भी दी गई, ताकि उनकी खेती सफल हो और उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके.

मक्का बीज बांटने की योजना
महिला किसानों को दिए गए सरसों के बीज प्रमाणित होने के साथ-साथ उच्च क्वालिटी वाली उपज देते हैं. साहा के अनुसार, यह किस्म पारंपरिक किस्मों की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक उपज देती है, जिससे न केवल महिला किसानों, बल्कि पूरे कृषक समुदाय को लाभ होगा. इसके अलावा, विभाग जिले के आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों में मक्का के बीज बांटने के लिए एक विशेष शिविर आयोजित करेगा, ताकि जरूरतमंद किसानों को और अधिक सहायता मिल सके.

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