सरकार ने माना किसान नहीं दिल्ली खुद प्रदूषण के लिए जिम्मेदार.. धूल उड़ाने वाले हॉटस्पॉट चिह्नित, रोडमैप तैयार
Delhi Air Pollution: दिल्ली के प्रदूषण का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है. पर्यावरण मिनिस्टर ने दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए हर स्टेकहोल्डर से डिटेल्ड एनुअल एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है. सोर्स पर ही पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के निर्देश दिए गए हैं.
दिल्ली में प्रदूषण के लिए हर बार किसानों को दोषी ठहराकर पल्ला झाड़ने की कोशिशें की जाती रही हैं. लेकिन, इस बार किसानों ने 93 फीसदी तक पराली जलाने के मामले घटाकर यह साबित कर दिया कि दिल्ली का प्रदूषण पराली के धुएं की वजह से नहीं है. सरकार ने माना है कि राजधानी के वायु प्रदूषण के लिए अकेले किसान जिम्मेदार नहीं हैं. केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण पर समीक्षा में कहा कि दिल्ली में धूल भरे गड्ढों समेत हॉटस्पॉट की पहचान की गई है. इसे दूर करने के साथ ही वाहनों से होने वाले प्रदूषण को खत्म करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण के लिए समीक्षा बैठक
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी की स्थिति का रिव्यू किया. NCR राज्यों के अधिकारियों को एयर पॉल्यूशन मैनेजमेंट पर सालाना एक्शन प्लान को जमीनी स्तर पर लागू करने में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि हमने दिल्ली सरकार से इस मुद्दे पर अगले साल के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करने को कहा है. धूल का सबसे बड़ा कारण जगह जगह सड़कों पर गड्ढे हैं. हमने दिल्ली में 61 ट्रैफिक हॉटस्पॉट की पहचान की है. CAQM गाड़ियों के प्रदूषण पर एक एक्सपर्ट कमेटी बना रहा है. दिसंबर में हम गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव के साथ भी बैठक करेंगे. पराली के विषय पर हम चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ एक बैठक पराली के प्रबंधन की एक वर्षीय योजना तैयार करेंगे.
- पीएम फसल बीमा योजना में बड़ा घोटाला, जालसाजों ने 5 करोड़ रुपये हड़पे.. 26 पर एक्शन और एक सस्पेंड
- प्रदूषण से 2022 में 17 लाख भारतीयों की मौत, पराली बनी वजह या कोई और है कारण, यहां जानिए
- आठवें वेतन आयोग से कितनी बढ़ेगी सैलरी? वेतन दोगुना होगा या भत्ते बढ़ेंगे.. जानिए पूरा गणित
- 60 फीसदी छोटे किसानों तक नहीं पहुंच पा रही वित्तीय मदद, पैसा हासिल करना बन रहा चुनौती
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण की वजह मानी गई सभी कैटेगरी में एक्शन प्लान को अच्छी क्वालिटी में लागू करने की जरूरत पर जोर दिया. हॉटस्पॉट वाले इलाकों में तेजी से रोड डेवलपमेंट और रिपेयर, एंड-टू-एंड फुटपाथ पक्का करके डस्ट कंट्रोल, कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट, इंडस्ट्री द्वारा एमिशन स्टैंडर्ड्स का पालन, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना, पुराने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और खुली जगहों को हरा-भरा करना शामिल थे.
पंजाब और हरियाणा के कृषि विभाग से चर्चा होगी
मिनिस्टर ने हर स्टेकहोल्डर से आने वाले साल के लिए डिटेल्ड एनुअल एक्शन प्लान तैयार करने को कहा, ताकि सोर्स पर ही पॉल्यूशन कंट्रोल किया जा सके. उन्होंने कहा कि साल भर के रोडमैप NCR में एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए प्रोएक्टिव प्लानिंग पक्का करेंगे. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की ओर से कोऑर्डिनेट की जाने वाली मीटिंग्स में पंजाब और हरियाणा सरकारों के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट्स के साथ पराली जलाने पर चर्चा होगी.
इंडस्ट्री और ट्रैफिक प्रदूषण रोकने के लिए तैयारी
मेटल, टेक्सटाइल, फ़ूड/फ़ूड प्रोसेसिंग और दूसरी रेड-कैटेगरी की इंडस्ट्रीज़ जैसी लगभग 2,254 इंडस्ट्रियल यूनिट्स जिनमें पॉल्यूशन फैलाने की ज्यादा संभावना है, उन्हें दिसंबर अंत तक कैलिब्रेटेड और वेरिफाइड OCEMS के साथ ही APCDs इंस्टॉल करना जरूरी किया गया है. ट्रैफिक जाम के दौरान प्रदूषण बढ़ने के लिए दिल्ली में पहचाने गए 62 हॉटस्पॉट पर दिल्ली पुलिस की ओर से स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सॉल्यूशन से तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है. इसके अलावा अतिक्रमण और गैर-कानूनी पार्किंग हटाने, पीक ट्रैफिक के समय खास पुलिस तैनात करने, दूसरे NCR शहरों के लिए भी ऐसे ही एक्शन प्लान को बढ़ावा दिया जा रहा है.
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि वर्ष 2025 में धान की कटाई के मौसम में पराली जलाने की घटना सबसे कम दर्ज की गईं. पंजाब (Punjab Stubble Burning Cases 2025 ) में ऐसी 5,114 घटनाएं दर्ज की गईं, जो वर्ष 2024 की तुलना में 53 प्रतिशत कम है. यह वर्ष 2023 की तुलना में 86 प्रतिशत, 2022 की तुलना में 90 प्रतिशत और वर्ष 2021 की तुलना में 93 प्रतिशत कम रही. इसी तरह हरियाणा में भी बेहतर निगरानी से इस साल केवल 662 पराली जलाने की घटनाएं (Haryana Stubble Burning Cases 2025) हुईं. राज्य में 2024 की तुलना में 53 प्रतिशत, 2023 की तुलना में 71 प्रतिशत, 2022 की तुलना में 81 प्रतिशत और 2021 की तुलना में 91 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.
दिल्ली प्रदूषण पर किसानों को दोषी कहने वाली एजेंसियों पर भड़के किसान नेता
भारतीय किसान यूनियन मान के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुणी प्रकाश ने कहा कि दिल्ली के गैस चैंबर बनने और हवा का शुद्ध हवा का स्तर बेहद खराब होने के लिए कई सालों से किसानों को दोषी बताया जाता रहा है. कहा जाता रहा है कि किसानों के पराली जलाने से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण बढ़ रहा है. जबकि, इस साल किसानों ने सबसे कम पराली जलाई है तब भी दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अब वो एजेंसियां और संस्थाएं कहां गईं जो कहती थीं कि पराली से प्रदूषण बढ़ा है, वो बताएं कि अब कहां से कैसे प्रदूषण बढ़ रहा है.