मुश्किल में जम्मू-कश्मीर में सेब उगाने वाले- सीमा पर तनाव और खराब मौसम ने दी दोहरी मार

कश्मीर घाटी में 50-60 कंट्रोल पर्यावरण (सीए) स्टोरेज में हजारों टन सेब बिना बिके पड़े हैं. किसान अपनी उपज को पकड़कर बैठे हैं, और कीमतों में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 14 May, 2025 | 10:26 AM

जम्मू और कश्मीर के सेब उगाने वाले किसान इन दिनों कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं. एक ओर जहां मौसम की खराब स्थिति ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं, वहीं सीमा पर तनावपूर्ण हालात भी उन्हें परेशान कर रहे हैं. इन दोनों कारणों ने किसानों के निर्यात और बाजार कीमतों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है.

भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाने और सीमा पर झड़पों के कारण सेब के परिवहन में रुकावटें आई हैं. इससे राज्य के बाहर के बाजारों तक सेब की सप्लाई में गंभीर समस्याएं आ रही हैं. इसके अलावा, लगातार हो रही भारी बारिश ने भूस्खलन को जन्म दिया है, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बार-बार बंद हो रहा है. इस मार्ग के बंद होने से सेब से लदे ट्रकों के लिए आवाजाही में बाधाएं आ रही हैं, और इसका असर सेब के व्यापार पर सीधा पड़ा है.

इस सबका नतीजा यह हुआ है कि कश्मीर घाटी में 50-60 कंट्रोल पर्यावरण (सीए) स्टोरेज में हजारों टन सेब बिना बिके पड़े हैं. किसान अपनी उपज को पकड़कर बैठे हैं, और कीमतों में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं. यह स्थिति सेब उत्पादकों के लिए एक गंभीर संकट बन गई है, क्योंकि उनकी आजीविका इस फसल पर निर्भर करती है.

तूफान ने भी बढ़ाई परेशानी

तीन हफ्ते पहले आए तूफान ने जम्मू और कश्मीर के सेब उगाने वाले किसानों को और भी भारी नुकसान पहुंचाया. शोपियां जिले के केलर गांव के किसान अब्दुल रहमान ने हिंदू बिजनेस लाइन से बात करते हुए बताया कि “अब हमारे पास कुछ नहीं बचा,” उनका बाग ओलावृष्टि के कारण तबाह हो गया है. मई के पहले हफ्ते में यह तूफान लगभग 10 से 15 मिनट तक चला, और इसने क्षेत्र के हजारों सेब के बागों में कलियों और पत्तियों को नुकसान पहुंचाया.

विदेशी सेबों का आयात बना मुसीबत

मौसम परिवर्तन के असर के अलावा, विदेशी सेबों का आयात भी कश्मीरी सेब की कीमतों में गिरावट का कारण बन रहा है. ईरान, वाशिंगटन और दक्षिण अफ्रीका से आयातित सेबों के कारण कश्मीरी सेबों की बाजार हिस्सेदारी घट रही है, जिससे स्थानीय उत्पादकों और व्यापारियों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है. कश्मीर, जो भारत के कुल सेब उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा है, अब इन विदेशी सेबों के कारण मुश्किलों का सामना कर रहा है.

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Published: 14 May, 2025 | 10:11 AM

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