रामनवमी पर जानिए इन 5 राम मंदिरों से जुड़ी रोचक कहानियां

भगवान राम के जन्मोत्सव को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम की पूजा का विशेष महत्व है. इस मौके पर जानते हैं देश चर्चित राम मंदिरों के बारे में और उनसे जुड़ी रोचक कथाओं के बारें..

Kisan India
Noida | Updated On: 6 Apr, 2025 | 01:25 PM

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज लोग मंदिरों में घरों में रामायण के विभिन्न प्रसंगों का पाठ करके भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करते हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी की शुभकामनाएं जनता को दी हैं.  यूं तो अयोध्या स्थित राम मंदिर देश का सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय राम मंदिर है. लेकिन, आज के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित कुछ प्रमुख और चर्चित राम मंदिरों के बारे में हम जानेंगे.

अयोध्या का राम मंदिर

अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान होने के नाते हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. यहां पर बना मंदिर भगवान राम के आदर्शों और उनके धर्म के प्रतीक के रूप में देशभर में चर्चित और लोकप्रिय है. अयोध्या में स्थित राम जन्मभूमि मंदिर हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है .

सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर

तेलंगाना के भद्राचलम में स्थित सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण से संबंधित धार्मिक महत्व रखने वाला एक ऐतिहासिक मंदिर है. यह मंदिर राम नवमी के अवसर पर विशेष रूप से प्रसिद्ध होता है, क्योंकि इस दिन यहां पर भगवान राम और सीता के विवाह का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह मंदिर रामायण की घटनाओं से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि भगवान राम ने यहीं से श्रीलंका जाने के लिए भगवान समुद्र से सेतु बांधने का आदेश दिया था. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भगवान राम और सीता के विवाह का लाइव दर्शन कर सकते हैं.

रामस्वामी मंदिर

रामस्वामी मंदिर तमिलनाडु के कुम्भकोणम में स्थित है. यह मंदिर 400 साल पुराना है और राजा रघुनाथ नायक द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर में रामायण के दृश्य उकेरे गए हैं. मंदिर में भगवान राम और सीता की शादी के समय की मूर्तियों की स्थापना की गई है, जो श्रद्धालुओं को दिव्य दर्शन प्रदान करती हैं.

रामराजा मंदिर

मध्य प्रदेश के ओरछा में बेतवा नदी के किनारे राम राजा मंदिर स्थित है. मंदिर निर्माण के पीछे एक लोकप्रिय कथा है, जिसके अनुसार ओरछा की रानी भगवान राम की अनन्य भक्त थीं. रानी ने सपने में देखा कि उन्होंने अयोध्या में सरयू स्नान के बाद राम से प्रार्थना की कि वह उनके साथ ओरछा आकर निवास करें. उनके सपने में भगवान राम ने यह कहा कि वह केवल उसी स्थान पर रहेंगे, जहां रानी उन्हें स्थापित करेंगी. ओरछा में भगवान राम को केवल देवता के रूप में नहीं, बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है.

कालनाथ मंदिर

नासिक स्थित कालनाथ मंदिर का भी भगवान राम से गहरा संबंध है. यह मंदिर पंचवटी क्षेत्र में स्थित है, जहां भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय बिताया था. मंदिर में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की काले पत्थर से बनी मूर्तियां हैं. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थापत्य कला का एक अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है.

राम नवमी पर पूजा विधि

राम नवमी भगवान राम की जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह दिन चैत्र मास के नौवें दिन आता है. राम नवमी के दिन विशेष पूजा विधि का पालन किया जाता है. पूजा के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होता है, और फिर साफ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद घर के मंदिर की सफाई कर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां या चित्र स्थापित किए जाते हैं. पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, अक्षत (चावल) और पुष्प लेकर भगवान से आशीर्वाद की कामना कर व्रत का संकल्प लें. फिर मूर्तियों को गंगाजल या से स्नान कराएं. इसके बाद भगवान को नए वस्त्र, आभूषण, फल, फूल, मिठाई और विशेष रूप से पंजीरी और खीर का भोग अर्पित करें. फिर दीप, धूप और कपूर से आरती कर मंत्रों का जाप करें. इसके बाद रामचरितमानस या रामायण का पाठ और आरती कर पूजा संपन्न करें.

मंत्र:

ॐ श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत् तुल्यं राम नाम वरानने॥

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Published: 6 Apr, 2025 | 01:25 PM

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