बिचौलियों का खेल खत्म! सरकार की होटल इंडस्ट्री से अपील, सीधे किसानों से खरीदें राशन

भारत में 35,000 से अधिक एफपीओ मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 10,000 सरकार की योजनाओं के तहत बनाए गए हैं. सरकार का उद्देश्य है कि इन एफपीओ को सीधे बड़े खरीदारों से जोड़ा जाए ताकि किसानों की आय में सुधार हो.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 25 Nov, 2025 | 10:27 AM

Agriculture News: देश में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि आपूर्ति तंत्र को सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल की तरफ कदम बढ़ाया है. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने होटलों और रेस्तरां को अपील की है कि वे फलों-सब्जियों, मसालों और अन्य खाद्य उत्पादों की खरीद सीधे किसानों या एफपीओ (Farmer Producer Organizations) से करें. उनका कहना है कि इससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा और बिचौलियों पर निर्भरता खत्म होगी.

किसानों और होटल उद्योग दोनों के लिए फायदेमंद साझेदारी

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि देशभर में हजारों होटल और रेस्तरां चल रहे हैं. यदि ये संस्थान स्थानीय किसानों से सीधा जुड़ जाएं, तो भोजन की गुणवत्ता भी अच्छी होगी और किसानों के लिए यह आर्थिक लाभ का अवसर बनेगा. यह न सिर्फ एक व्यापारिक लेन-देन होगा, बल्कि किसानों के साथ मजबूत विश्वास और भागीदारी का रिश्ता भी बनेगा.

चतुर्वेदी के अनुसार, भारत में 35,000 से अधिक एफपीओ मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 10,000 सरकार की योजनाओं के तहत बनाए गए हैं. सरकार का उद्देश्य है कि इन एफपीओ को सीधे बड़े खरीदारों से जोड़ा जाए ताकि किसानों की आय में सुधार हो.

डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए होगी सीधी खरीद-फरोख्त

कृषि मंत्रालय एक विशेष वेब-आधारित प्लेटफॉर्म बनाने की तैयारी में है. इस प्लेटफॉर्म पर एफपीओ अपने बची हुई उपज का विवरण साझा करेंगे और होटल, रेस्तरां तथा निजी कंपनियां सीधे इनसे खरीद कर सकेंगी. चतुर्वेदी का कहना है कि होटल पहले भी स्थानीय मंडियों या रिटेल चेन से खरीद करते हैं, लेकिन अब वे अपने निकट मौजूद एफपीओ से जुड़कर अधिक लाभकारी सौदा कर सकते हैं.

उन्होंने बताया कि भारत की जीडीपी में कृषि का योगदान 18 प्रतिशत है, जबकि इसमें काम करने वाले लोगों की संख्या 46 प्रतिशत है. इसका सीधा अर्थ है कि किसानों को अभी भी उनकी मेहनत के अनुसार आय नहीं मिल रही. छोटे-छोटे खेत और बिखरी हुई खेती किसानों के लिए मुनाफा कमाने में बाधा बनती है. वहीं, खेत से बाजार तक की यात्रा में दाम कई गुना बढ़ जाते हैं और किसानों को उसका लाभ नहीं मिलता.

ऑर्गेनिक और GI टैग वाले उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा

चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि आज के समय में उपभोक्ता केमिकल फ्री और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों को लेकर अधिक जागरूक हो चुके हैं. यदि होटल उद्योग किसानों के उन समूहों से जुड़े, जो जैविक खेती करते हैं, तो दोनों को फायदा होगा. उपभोक्ताओं को शुद्ध भोजन मिलेगा और किसानों को बेहतर कीमत.

इसके साथ उन्होंने GI टैग वाले पारंपरिक खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने की भी बात कही. बासमती चावल के अलावा, भारत में अनाज, सब्जियां, फल और कई तरह के प्रोसेस्ड फूड जीआई टैग के साथ उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि यदि होटल अपने मेन्यू में इन उत्पादों को शामिल करेंगे, तो विदेशी और देशी पर्यटकों को भारतीय खानपान की सांस्कृतिक विविधता को समझने का अवसर मिलेगा.

पर्यटन क्षेत्र को भी मिलेगा फायदा

पर्यटन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुमन बिल्ला ने कहा कि जब कोई पर्यटक किसी राज्य में जाता है, तो वह वहां के पारंपरिक स्वाद और असली भोजन का अनुभव करना चाहता है. यदि होटलों को ताजा और स्थानीय उत्पाद आसानी से मिलेंगे, तो यह अनुभव और भी बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि यह साझेदारी दोनों क्षेत्रों के लिए win-win स्थिति पैदा करेगी.

एफएचआरएआई करेगा सहयोग, सीधे संपर्क की सुविधा मिलेगी

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने घोषणा की है कि वे एफपीओ की एक विस्तृत सूची तैयार कर एक बुकलेट जारी करेंगे, जिसमें उनके उत्पाद और संपर्क जानकारी होगी. साथ ही एक समर्पित सेल बनाया जाएगा, जो होटल उद्योग और किसानों को सीधे जोड़ने में मदद करेगा.

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