रबी सीजन में सरसों की मजबूत शुरुआत, जानिए किस राज्य ने मारी सबसे बड़ी छलांग?
ज्यादातर राज्यों में सरसों की फसल इस समय शाखा बनने से लेकर फूल और फल बनने की अवस्था में है. जल्दी बोई गई फसलें अब दाना बनने के चरण में पहुंचने लगी हैं. राहत की बात यह है कि चूसक कीटों का प्रकोप फिलहाल आर्थिक नुकसान की सीमा से नीचे बना हुआ है.
India mustard acreage: देश के किसानों के लिए रबी सीजन की शुरुआत इस बार उम्मीदों से भरी रही है. खासतौर पर सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. दिसंबर के मध्य तक देशभर में सरसों की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अनुकूल मौसम, समय पर बुवाई और बेहतर मिट्टी नमी के कारण फसल की हालत फिलहाल संतोषजनक बनी हुई है.
सरसों का रकबा बढ़ा, किसानों का भरोसा लौटा
ताजा आकलन के अनुसार 15 दिसंबर 2025 तक देश में करीब 84.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बुवाई हो चुकी है. पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा लगभग 81.16 लाख हेक्टेयर था. यानी इस बार सरसों का रकबा करीब 4.3 प्रतिशत बढ़ा है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा विस्तार देखने को मिला है. इससे साफ है कि किसानों ने सरसों को एक भरोसेमंद फसल के रूप में चुना है.
फसल की स्थिति सामान्य, कीटों का खतरा कम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर राज्यों में सरसों की फसल इस समय शाखा बनने से लेकर फूल और फल बनने की अवस्था में है. जल्दी बोई गई फसलें अब दाना बनने के चरण में पहुंचने लगी हैं. राहत की बात यह है कि चूसक कीटों का प्रकोप फिलहाल आर्थिक नुकसान की सीमा से नीचे बना हुआ है. मौसम शुष्क रहने और तापमान अनुकूल होने से फसल की बढ़वार अच्छी रही है.
राजस्थान में शुरुआती नुकसान के बाद सुधार
राजस्थान में सितंबर-अक्टूबर के दौरान हुई अधिक बारिश से कुछ इलाकों में शुरुआती फसल को नुकसान जरूर हुआ, जिससे किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ी. हालांकि बीते एक महीने से मौसम साफ रहने, मिट्टी में नमी और अनुकूल तापमान के चलते फसल ने अच्छी रिकवरी दिखाई है. अब यहां की सरसों 35 से 50 दिन की हो चुकी है और अधिकतर खेतों में फूल आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी संभली फसल
उत्तर प्रदेश में अक्टूबर की असमय बारिश से कुछ जिलों में अंकुरण प्रभावित हुआ था, लेकिन बाद में मौसम ने साथ दिया. फिलहाल फसल 45 से 60 दिन की हो चुकी है और कई जगहों पर फलियां बनने लगी हैं. मध्य प्रदेश में भी बारिश से नुकसान के बाद स्थिति अब सामान्य होती दिख रही है. किसानों ने सिंचाई और खाद प्रबंधन पर ध्यान देकर फसल को संभाल लिया है.
हरियाणा और पश्चिम बंगाल में संतुलित हालात
हरियाणा में सरसों की बुवाई समय पर हुई और अब फसल अच्छी अवस्था में है. यहां कीटों का असर न के बराबर बताया जा रहा है. पश्चिम बंगाल में शुरुआती बारिश से कुछ जिलों में परेशानी आई थी, लेकिन नवंबर के बाद मौसम साफ होने से फसल की हालत में सुधार हुआ है.
बिहार, गुजरात और असम में भी सकारात्मक संकेत
बिहार और गुजरात में भी सरसों की खेती अच्छी गति से आगे बढ़ रही है. असम में बुवाई पूरी हो चुकी है और फसल अभी शुरुआती बढ़वार की अवस्था में है. विशेषज्ञों के अनुसार यदि मौसम इसी तरह अनुकूल रहा तो उत्पादन के अच्छे संकेत मिल सकते हैं.
आगे और बढ़ सकते हैं आंकड़े
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ राज्यों के आंकड़े अनुमान पर आधारित हैं और जनवरी 2026 में संशोधित आंकड़े जारी किए जाएंगे. फिलहाल जो तस्वीर सामने आई है, वह सरसों उत्पादक किसानों के लिए राहत देने वाली है.