महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में मॉनसून जल्दी पहुंच गया है, जिससे अब टमाटर की कीमतों और बढ़ोतरी की आशंका है. हालांकि, टमाटर की कीमतें पहले से बढ़ रही हैं. पुणे के गुलटेकड़ी थोक बाजार में टमाटर की कीमतों में पिछले तीन हफ्तों में तीन गुना तक उछाल आ चुका है. 2 मई को यहां टमाटर का औसत थोक भाव 850 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 26 मई तक बढ़कर 2,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी तरह, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ले बाजार में टमाटर के दाम 680 से बढ़कर 740 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं. फिलहाल, पुणे और अन्य शहरों में टमाटर का खुदरा दाम 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है, जबकि मई के पहले हफ्ते में यही दाम 20 से 30 रुपये प्रति किलो था. यह तेजी तब आई है जब देश में इस बार गर्मी के मौसम में सामान्य से ज्यादा रकबे में टमाटर की खेती हुई है. इस बार किसानों ने 3.24 लाख हेक्टेयर में टमाटर लगाया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 3.14 लाख हेक्टेयर था. लेकिन समय से पहले आए मॉनसून ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
14 दिन पहले पहुंचा मॉनसून
पुणे के जुन्नर तालुका के किसान अजीत घोलप ने कहा कि मई के पहले हफ्ते से ही उनकी फसल पर असर दिखने लगा था. तब अरब सागर में बने लो-प्रेशर एरिया की वजह से महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई हिस्सों में बारिश हुई थी. पुणे में इस बार मॉनसून 14 दिन पहले, सोमवार को ही पहुंच गया. ऐसे में टमाटर की फसल को और अधिक नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ गई है.
बारिश से फलों की गुणवत्ता खराब
पुणे के रोहकड़ी गांव के किसान अजीत घोलप ने कहा कि मेरी फसल तीसरी तुड़ाई पर थी और जून के मध्य तक अच्छी पैदावार दे सकती थी. लेकिन अधिक बारिश से फलों की गुणवत्ता खराब हो गई है और टमाटर की बाहरी परत फटने लगी है. उन्होंने 15 एकड़ में गर्मी की किस्म बोई थी, जो फरवरी में लगाई जाती है और जुलाई-अगस्त तक फल देती है.
गर्मियों में इस किस्म की खेती
टमाटर और अंगूर की खेती करने वाले बारामती के किसान गणेश नजीरकर ने कहा कि मई में गर्मी की फसल लगाने वाले किसानों को भारी बारिश से नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि जब तक फसल की स्थिति स्थिर नहीं होती, तब तक टमाटर की कीमतें बढ़ती रहेंगी. नजीरकर किसानों को टमाटर की बेहतर खेती के लिए सलाह भी देते हैं. उन्होंने कहा कि अधिकतर किसान गर्मियों में टमाटर 6242 किस्म लगाते हैं, जो भारी बारिश सहन नहीं कर पाती है. उन्होंने कहा कि अधिक नमी होने पर टमाटर फट जाते हैं.