हिमाचल में आंधी से 2300 हेक्टेयर में बागवानी चौपट, किसानों को 3 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में तेज हवाओं और ओलावृष्टि से 3,000 से अधिक बागवान प्रभावित हुए हैं. सबसे अधिक नुकसान आम की फसल को हुआ है.

नोएडा | Published: 12 May, 2025 | 06:03 PM

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में हाल ही में आई तेज हवाओं और ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बागवानी विभाग के अनुसार, तेज आंधी चलने और ओलावृष्टि से करीब 2,300 हेक्टेयर बागवानी प्रभावित हुई है, जिससे 3,000 से ज्यादा बागवानों की फसलें बर्बाद हो गईं. नुकसान का अनुमान करीब 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे में किसानों ने सरकार से आर्थिक मदद और मुआवजे की मांग की है. किसानों का कहना है कि अगर सरकार की तरफ से मदद नहीं मिलती है, तो उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा नुकसान आम की फसल को हुआ है, जो जिले की बागवानी अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस खराब मौसम का असर नींबू, लीची, खुबानी, नाशपाती और सेब की पैदावार पर भी पड़ेगा और उत्पादन में भारी गिरावट हो सकती है.धर्मशाला स्थित बागवानी विभाग के उपनिदेशक कमलशील नेगी ने कहा कि तूफान और ओलों ने न सिर्फ फलों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि पेड़ों पर आई फूलों की कली भी बर्बाद कर दी है, जो फल बनने की प्रक्रिया के लिए बहुत जरूरी होती है.

सरकारी पॉलीहाउस को भी पहुंचा नुकसान

फसलों के नुकसान के साथ-साथ इस बार संरचनात्मक नुकसान भी सामने आया है. कई सरकारी पॉलीहाउस, जो कि मौसम से हटकर फल और सब्जियों की खेती के लिए जरूरी होते हैं, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. कई लीची के पेड़ उखड़ गए और करीब दो दर्जन अमरूद के पेड़ पूरी तरह नष्ट हो गए.

नुकसान का पूरा ब्योरा मुख्यालय भेजा गया

बागवानी विभाग के उपनिदेशक कमलशील नेगी ने कहा कि नुकसान का पूरा ब्योरा मुख्यालय को भेज दिया गया है और अब प्रभावित किसानों को राहत या मुआवजा देने को लेकर आगे के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है. हालांकि सामान्य तौर पर बारिश बागवानी के लिए फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन इस बार ओलावृष्टि और तेज आंधियों ने कांगड़ा जिले में फलों की इस सीजन की पैदावार पर गहरा असर डाला है. आने वाले कुछ हफ्ते यह तय करेंगे कि इसका दीर्घकालिक प्रभाव कितना गंभीर होगा.