762 किसानों को 15 साल बाद मिला इंसाफ, 4500 करोड़ की योजना से जगी उम्मीद

Madhuban Bapudham Yojana: 762 किसानों को 15 साल बाद इंसाफ मिला है. गाजियाबाद की मधुबन बापूधाम आवासीय योजना में किसानों को उनकी जमीन के बदले विकसित भूखंड देने की मंजूरी मिल गई है.

नोएडा | Published: 26 May, 2025 | 04:13 PM

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में 15 साल से जमीन के हक के लिए लड़ रहे 762 किसानों की जीत आखिरकार हो गई. मधुबन बापूधाम आवासीय योजना से प्रभावित इन किसानों को छह फीसदी विकसित भूखंड देने की मांग पर जीडीए बोर्ड ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही करीब 4500 करोड़ की अटकी पड़ी योजना को नई जान मिलती दिख रही है. जीडीए का कहना है कि अगले तीन महीनों में भूखंड आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

अब मिलेगा जमीन पर हक

साल 2004 में शुरू हुई मधुबन बापूधाम योजना किसानों की जमीन पर आधारित थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण, न्यायालयी विवाद और विरोध के चलते यह योजना कभी पूरी तरह से जमीन पर नहीं उतर सकी. कुल 1234 एकड़ में फैली इस योजना में लंबे समय से किसानों का दावा था कि उन्हें उनके अधिकार के अनुसार विकसित भूखंड दिए जाएं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब जीडीए ने 281 एकड़ के भूधारकों को उनकी जमीन के बदले छह फीसदी नहीं, बल्कि 10 फीसदी विकसित भूखंड देने की मंजूरी दी है.

4500 करोड़ की योजना अटकी थी विवादों में

इस योजना में अब तक करीब 4500 करोड़ की संपत्ति बन चुकी है, लेकिन किसानों के विरोध और कानूनी लड़ाइयों के चलते इसका सही उपयोग नहीं हो सका. भूखंडों की बिक्री रुकी रही और खरीददार भी दूर रहे. अब जब किसानों की मांगों पर सहमति बनी है तो माना जा रहा है कि योजना को आर्थिक संबल और नया जीवन मिलेगा.

373 भूखंड होंगे शिफ्ट

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार मधुबन बापूधाम योजना में पॉकेट-ई में स्थित 373 आवासीय भूखंड ऐसे क्षेत्र में हैं जो श्मशान के पास आते हैं. इन्हें अब दूसरे हिस्सों में स्थानांतरित किया जाएगा. इसके लिए लेआउट प्लान में बदलाव किया जाएगा.जीडीए ने इस बदलाव को बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी है और अब जनता से आपत्ति व सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। एक महीने में प्रक्रिया पूरी कर भूखंडों की शिफ्टिंग शुरू होगी.

हर पॉकेट में मिलेंगी सभी सुविधाएं

योजना को लोगों के लिए और सुविधाजनक बनाने के लिए हर पॉकेट में शॉपिंग सेंटर, सामुदायिक भवन, पार्क, स्कूल और हरित क्षेत्र जैसे सामाजिक ढांचे तैयार किए जाएंगे. जीडीए का उद्देश्य है कि हर निवासी को ग्रीन जोन का लाभ मिले और आवासीय क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं पूरी हों.

तेज आरओबी और बेहतर कनेक्टिविटी

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण इस योजना में नए सिरे से निवेश कर रहा है. एक नया जीडीए कार्यालय भी बनाया जा रहा है जिससे यहां निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा. योजना के पास स्थित आरओबी का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है और छह महीने में इसके पूरा होने की उम्मीद है. इसके अलावा सदरपुर गांव के चारों ओर नौ मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी, जिससे मधुबन बापूधाम की मुख्य शहर से सीधी कनेक्टिविटी मजबूत होगी.