राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान, भोपाल में आयोजित कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण कार्यशाला में प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा कि देश की आर्थिक उन्नति में दुग्ध उत्पादन की भूमिका अहम है. इस अवसर पर उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने 9% से 20% तक दुग्ध उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे नस्ल सुधार और वैज्ञानिक उपायों के माध्यम से पूरा किया जाएगा.
नस्ल सुधार बनेगा दुग्ध उत्पादन का आधार
मंत्री लखन पटेल ने कहा कि गौवंश और भैंसवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार कर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए कृत्रिम गर्भाधान को एक अभियान के रूप में अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सॉर्टेड और सेक्सड सीमेन तकनीक जैसे अत्याधुनिक विकल्पों को भी अपनाने जा रही है जिससे गुणवत्तापूर्ण नस्ल तैयार की जा सके. उनका मानना है कि यदि हर पशुपालक को वैज्ञानिक ब्रीडिंग और पोषण की जानकारी मिले, तो दुग्ध उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन संभव है.
मुख्यमंत्री का लक्ष्य: 20% दुग्ध उत्पादन
कार्यशाला में मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के दुग्ध उत्पादन को वर्तमान 9% से बढ़ाकर 20% तक ले जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है. इसके लिए गुणवत्ता आधारित कृत्रिम गर्भाधान, फीड एंड फॉडर प्रबंधन और समुचित प्रशिक्षण को जमीन पर उतारना जरूरी है. मंत्री ने कहा कि अब यह केवल कार्यक्रम नहीं, एक जनअभियान होगा.
तकनीकी सत्रों में गूंजे नवाचार
कार्यशाला के दौरान विभिन्न तकनीकी सत्रों में सॉर्टेड सीमेन, साइलेज उत्पादन, फीड मैनेजमेंट और पोषण विज्ञान जैसे विषयों पर गंभीर संवाद हुआ. पशुपालन विभाग के अधिकारियों, विशेषज्ञों और जिले से आए प्रतिनिधियों ने मिलकर राज्य के पशुधन के उज्ज्वल भविष्य की रूपरेखा तैयार की. प्रशिक्षण में आधुनिक ब्रीडिंग कवरेज, संवेदनशील क्षेत्रों में कवरेज बढ़ाने और पशु स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे विषयों को प्राथमिकता दी गई.